किसान नाराज, प्रशासन सख्त, करनाल में पुलिस ने किसानों पर बरसाईं लाठियां

किसान आंदोलन का आज (10 जनवरी) 46वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान अब भी केंद्र सरकार से दूरी बनाए हुए हैं। इस बीच, हरियाणा के करनाल में पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठी चार्ज किया है। करनाल जिले के कैमला गांव में बीजेपी ने किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था। यहां पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों के बातचीत करने वाले थे और उन्हें नए कृषि कानूनों का फायदा समझाने वाले थे। लेकिन तभी वहां पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे सैकड़ों किसान पहुंच गए। इन किसानों ने मुख्यमंत्री को काले झंड़े दिखाए और नारेबाजी। पुलिस ने किसानों को रोका तो दोनों के बीच झड़प शुरू हो गई। हंगामा इस कदर बढ़ा कि किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और वॉटर कैनन भी चलानी पड़ी। घटना के बाद किसान फिलहाल आस-पास के गांवों में चले गए हैं। यहां पर अब बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली करने वाले हैं। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। यहां गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था। यहां आगे बढ़ रहे किसानों को रोका गया। जब वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठियां भी चलाईं। बेकाबू आंदोलनकारी हेलीपैड और रैली स्थल तक पहुंच गए। हेलीपैड को भी तोड़ दिया। प्रदेश भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ के साथ बहस भी हुई। खराब मौसम का हवाला देकर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।

कांग्रेस का सीएम खट्टर पर हमला

इस घटना पर कांग्रेस ने सीएम खट्टर पर हमला किया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि खट्टर सरकार किसान महापंचायत का ढोंग बंद करें। सुरेजेवाला ने ट्वीट किया, 'मा मनोहर लाल जी, करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए। अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश बंद करिए। संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए।'

सुरेजवाला ने कहा कि खट्टर साहेब की तमाम कोशिशों के बावजूद कैमला में हालात ‘जवान बनाम किसान’ होने से बच गए। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहला मौका है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर सीएम का अपने निर्वाचन वाले जिले में इतना जोरदार विरोध हुआ है। सुरजेवाला ने कहा कि जागने का समय है। आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं। जन भावनाओं को समझें।

बता दे, दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों का संयुक्त मोर्चा एक अहम बैठक करेगा। बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। किसान 26 जनवरी की तैयारियों का ऐलान भी कर सकते हैं। वहीं, कल यानी 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों को रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई होनी है। इससे पहले भी बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। हम किसानों की हालत समझते हैं।