किसानों का 3 घंटे चक्काजाम, टिकैत बोले- सरकार को 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आज देशभर में चक्काजाम किया। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किए गए जाम का सबसे ज्यादा असर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दिखा। इन राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने स्टेट और नेशनल हाईवे जाम कर दिए। आपको बता दे, 3 राज्यों दिल्ली, UP और उत्तराखंड को चक्काजाम से दूर रखा गया। कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान नेताओं के तेवर लगातार तल्ख बने हुए हैं। शनिवार को चक्काजाम खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'दबाव में सरकार से बात नहीं करेंगे। सरकार को कानून वापसी के लिए 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया है। उसके बाद आगे की स्ट्रैटजी बनाएंगे। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक किसान घर नहीं लौटेंगे।'

उधर, मत्स्यपालन, पशुधन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह की अगुआई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने 2014-2020 के दौरान कृषि क्षेत्र को 438% ज्यादा बजट दिया। लेकिन वामपंथी और टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों को लेकर मोदी सरकार को बदमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं कृषि क्षेत्र के बजट पर ध्यान दिलाना चाहता हूं। 2009-2014 के दौरान कृषि क्षेत्र के लिए बजट में 88,811 करोड़ का आवंटन किया गया, जबकि 2014-2020 के दौरान यह धनराशि बढ़कर 4,87,238 करोड़ हो गई, इस तरह इसमें 438% की बढ़ोत्तरी हुई।'

किसानों के चक्काजाम के बीच कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने किसान आंदोलन वाले पॉइंट्स पर मल्टीलेयर बैरिकेडिंग करने और कीलें लगाने पर सरकार की तुलना डकैतों से कर दी। बघेल ने कहा, 'पुराने समय में डकैत गांवों में लूट की वारदात करने के लिए कीलें लगाकर सभी रास्तों को बंद कर देते थे, सिर्फ अपने भागने के लिए एक रास्ता छोड़ते थे। अब सरकार यह तरीका अपना रही है।'