किसान आंदोलन का छठा दिन:दोपहर 3 बजे सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। हरियाणा से लगे दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर को पुलिस ने आज लगातार दूसरे दिन बंद कर रखा है। आपको बता दे, सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां पर जुटे थे।

किसानों से 3 दिसंबर को बातचीत करने पर अड़ी सरकार ने सोमवार को जिद छोड़ दी और 1 दिसंबर यानी आज दोपहर 3 बजे 32 किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। पिछले 6 दिनों से किसान सड़कों पर हैं और लगातार सरकार से आधिकारिक वार्ता की अपील कर रहे थे। पहले सरकार की शर्त थी कि किसान बुराड़ी ग्राउंड में जाएं, फिर बात होगी लेकिन किसानों ने इसे नहीं माना था। इससे पहले अक्टूबर-नवंबर में भी किसान-सरकार के प्रतिनिधियों की बात हो चुकी है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें वार्ता में शामिल होने का न्योता दिया गया है। सरकार से बातचीत से पहले किसान नेता मीटिंग कर आगे की स्ट्रैटजी तय करेंगे।

पीएम मोदी ने किसानों को दिया भरोसा

किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से कृषि कानून पर अपनी बात कही। पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के फायदे गिनाएं और इसे किसानों के लिए हितकारी करार दिया। साथ ही पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल किसानों को बर्गला रहे हैं और सरकार के खिलाफ उकसा रहे हैं। हालांकि, किसान MSP-मंडियों को जिंदा रखने के भरोसे को लिखित रुप में मांग रहे हैं ऐसा ना होने पर NCR जाम करने की चेतावनी दे रहे हैं।

गृह मंत्री-कृषि मंत्री ने 24 घंटे में 2 बार मीटिंग की

किसानों ने सरकार की शर्त नहीं मानी, बल्कि रविवार को कहा कि अब दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करेंगे। किसानों ने कहा कि वे 4 महीने का राशन-पानी साथ लेकर आए हैं। इसके बाद सरकार में बैठकों का दौर शुरू हुआ। रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। सोमवार को फिर मीटिंग हुई। गृह मंत्री के घर हुई बैठक में कृषि मंत्री और भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।

अपडेट्स

- पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री और म्यूजिक इंडस्ट्री लगातार किसानों के हक में आवाज उठा रही है। सिंगर दिलजीत दोसांझ ने मंगलवार फिर किसानों के मसले पर ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि जो लोग किसानों के खिलाफ हैं उनका साफ पता चल रहा है। लेकिन जो अपने ही लोगों को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं, उन्हें अपने-अपने फर्ज को पहचानने की जरूरत है।

- दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है। हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता।

- हरियाणा की 130 खाप पंचायतें आज किसान आंदोलन में शामिल होंगी। उधर, पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है।

- दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी सोमवार को किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर 2 दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।

- 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर हुए हंगामे को लेकर अलीपुर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

- किसान नेताओं का कहना है कि हरियाणा सरकार अब तक 30-31 केस किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज किए जा चुके हैं। कोरपोरेट को फ़ायदा देने के लिए सरकार कृषि क़ानून लायी है। कोरपोरेट ब्लैकमेलिंग करेगा और असर हर नागरिक पर पड़ेगा। किसानों का और देश का शोषण हो रहे हैं कोरपोरेट की आमदनी भी कोरोना में भी बढ़ रही है। यह लड़ाई जनता बनाम कोरपोरेट की है।

- सिंघु बॉर्डर पर 27 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश थी। जिसके बाद दिल्ली के अलीपुर पुलिस स्टेशन में धारा 186, 353, 332, 323, 147, 148, 149, 279, 337, 188, 269, और 3 PDPP एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस बीच सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को लेकर हाईवे पर किसानों की बैठक चल रही है।