आधी रात को पास करवाया था GST बिल, अनंत कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार (Ananth Kumar) का 59 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वह फेफड़ों के कैंसर से पीड़‍ित थे और पिछले महीने ही न्यूयॉर्क स्थित कैंसर अस्पताल से इलाज कराकर लौटे थे। 22 जुलाई, 1959 को बेंगुलरू में जन्‍मे अनंत कुमार ने हुबली के केएस आर्ट्स कॉलेज से बीए की डिग्री ली और उसके बाद कर्नाटक यूनिवर्सिटी से संबद्ध जेएसएस लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की। वह 1996 से बेंगलुरू दक्षिण से लोकसभा सांसद के रूप में चुने जाते रहे। उनके पास दो महत्वपूर्ण मंत्रालय थे और वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कद्दावर मंत्रियों में से एक थे। अंतिम दर्शन के लिए अनंत कुमार के पार्थिव शरीर श्रद्धांजलि के लिए सुबह 9 बजे के बाद बेंगलुरु के नेशनल कॉलेज ग्राउंड पर रखा जाएगा। अनंत कुमार के परिवार में पत्‍नी तेजस्विनी के अलावा दो बेटियां ऐश्‍वर्या और विजेता हैं।

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक अनंत कुमार का पार्थिव शरीर बेंगलुरु के नेशनल कॉलेज में रखा जाएगा। जहां लोग उन्हें आखिरी श्रद्धांजलि दे सकेंगे। आपको बता दें कि अनंत कुमार (Ananth Kumar) के पास दो महत्वपूर्ण मंत्रालय थे। उनके पास साल 2014 से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय था। साथ ही जुलाई 2016 में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी सौंपा गया था।

- अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने केएस आर्ट्स कॉलेज से बीए की पढ़ाई की थी। उसके बाद जेएसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की थी। अनंत कुमार के पास दो महत्वपूर्ण मंत्रालय थे। उनके पास साल 2014 से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय था। साथ ही जुलाई 2016 में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी सौंपा गया था। वह 1996 से बेंगलुरू दक्षिण से लोकसभा सांसद के रूप में चुने जाते रहे।

- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित होने के कारण, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र विंग के सदस्य थे। इंदिरा गांधी सरकार में लगाए गए आपातकाल के दौरान हजारों छात्र कार्यकर्ताओं के साथ उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

- आपातकाल के बाद ही उन्हें एबीवीपी का राज्य सचिव बनाया गया था और साल 1985 में उन्हें एबीवीपी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। इसके बाद वो बीजेपी में शामिल हुए और उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया। साल 1996 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।

- अटल बिहारी वाजपेयी की पहली सरकार में उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया था और वे उस सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री थे। इसके बाद दोबारा बनी अटल सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया, इस दौरान उनके पास टूरिज्म, स्पोर्ट्स और यूथ अफेयर्स, कल्चर, अर्बन डेवलपमेंट और गरीबी हटाओ आदि मंत्रालय रहे।

- 11वीं लोकसभा में यानि 1996 में वो पहली बार बेंगलुरू दक्षिण से लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए। ये पहले ऐसे भारतीय नेता थे, जिन्होंने अपनी निजी वेबसाइट लॉन्च की। जनवरी साल 1998 में उन्होंने www।dataindia.com और www।ananth.org लेकर आए।

- 1998 में हुए चुनाव में उन्हें फिर से निर्वाचित किया गया और उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में केंद्रीय उड्डयन मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वह उस सरकार में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे।

- 1999 में उन्हें लगातार तीसरे कार्यकाल में फिर से निर्वाचित किया गया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। उन्होंने पर्यटन, खेल और युवा मामलों, संस्कृति, शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन जैसे विभिन्न मंत्रालयों को संभाला।

- साल 2003 में उन्हें बीजेपी की कर्नाटक राज्य इकाई के अध्यक्ष बने और राज्य इकाई का नेतृत्व किया जो कि विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई और साल 2004 में कर्नाटक में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें जीती।

- साल 2004 में उन्हें मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में पार्टी बनाने में योगदान देने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया। अनंत कुमार कर्नाटक में बीजेपी के दिग्‍गज नेताओं में गिने जाते थे।

- ऐतिहासिक GST बिल को संसद के दोनों सदनों में आधी रात को पास कराने का श्रेय उन्हें भी जाता है। सभी पार्टियों के बीच सहमति बनाने का कौशल उन्हें आता था। सभी पार्टियों में आम सहमति बनाने की उनकी क्षमता, बिल संसद के दोनों सदनों में पारित कराने और 50 प्रतिशत से अधिक राज्यों को 3 हफ्तों के अंदर इसका समर्थन मिलने के बाद 1 जुलाई 2017 को इसे देश में लागू कर दिया गया।

- कर्नाटक में बीजेपी को स्‍थापित करने में उनका अहम योगदान माना जाता है।

अनंत कुमार के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा, 'केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन का सुनकर मुझे दुख हुआ। उनका जाना देश और खासकर कर्नाटक के लोगों के लिए बड़ा झटका है। उनके परिवार, सहकर्मी और उनसे जुड़े अनगिनत लोगों के साथ मेरी संवेदना है।'

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''वरिष्‍ठ सहयोगी अनंत कुमार के निधन से स्‍तब्‍ध और व्‍यथित हूं। वह वरिष्‍ठ सांसद थे जिन्‍होंने अलग-अलग दायित्‍वों में देश-सेवा की। लोगों के कल्‍याण के लिए उनका जुनून और निष्‍ठा अनुकरणीय था। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं।''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सहयोगी और मित्र अनंत कुमार के निधन पर गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है। उन्‍होंने कहा, ''वह विलक्षण नेता थे, जोकि काफी कम उम्र में ही सार्वजनिक जीवन में आए और बहुत परिश्रम एवं करुणा के साथ लोगों की सेवा की। अच्‍छे कार्यों की वजह से उनको हमेशा याद किया जाएगा।'' पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उन्‍होंने अनंत कुमार की पत्‍नी डॉ तेजस्विनी से बातचीत की है और शोक संतप्‍त परिवार को अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। उन्‍होंने कहा, ''दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके पूरे परिवार, मित्रों और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।''

मैं अनंत जी के निधन से आकस्मात निधन से शोक संतृप्त हूं, उन्होंने कर्नाटक में बीजेपी को मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत की : अमित शाह

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अनंत कुमार के निधन पर शोक जताया। उन्होंने लिखा, 'केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।'

कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्‍वामी ने अनंत कुमार के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा, ''मैंने उनके साथ एक करीबी दोस्‍त को खो दिया। वह मूल्‍यों पर आधारित राजनीति करने वाले राजनेता थे, जिन्‍होंने सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया।'' रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी शोक संवेदना व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि अनंत कुमार का दिल और दिमाग बेंगलुरू में बसता था।