विशेषज्ञों ने किया डराने वाला खुलासा, आपका मास्क बन रहा ब्‍लैक फंगस का कारण!

देश इस समय कोरोना वायरस के साथ-साथ ब्‍लैक फंगस (Black Fungus) से भी जूझ रहा है। ब्‍लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में 9 हजार से ज्यादा मरीज अभी तक मिल चुके है वहीं, इससे होने वाली मौतों ने भी चिंता बढ़ा दी है। देश में अब तक 235 लोगों की इस फंगस की वजह से मौत हो गई है। देश में सबसे ज्यादा मरीज गुजरात में है। गुजरात में ब्‍लैक फंगस के मरीजों का आंकड़ा 5000 के करीब है वहीं, मौतें भी इस राज्य में सबसे ज्यादा हुई है। यहां अब तक 90 मरीजों की मौत हो चुकी है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, तेलांगना और तमिलनाडु भी ब्लैक संक्रमण को महामारी घोषित कर चुके हैं। तेजी से फैलती इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञ अलग-अलग तर्क दे रहे है। इस बीमारी पर चल रहे शोध में कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे है।

हाल ही में एक शोध में सामने आया है कि कोरोना से बचाव के सबसे मजबूत कवच के रूप में देखे जा रहे मास्‍क भी ब्‍लैक फंगस का कारक हो सकता है। इस संबंध में मैक्‍स हेल्‍थकेयर के इंटरनल मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्‍टेंट डॉ निशेष जैन का कहना है कि ब्‍लैक फंगस या म्‍यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) को लेकर मास्‍क को भी कारण बताया जा रहा है। ऐसा संभव भी है। जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है, उस हिसाब से ब्‍लैक फंगस सीधे आंखों को नहीं नुकसान पहुंचाता बल्कि नाक से होते हुए ऊपर पहुंचता है।

डॉ जैन का कहना है कि सबसे पहले यह फंगस सबसे पहले नाक के माध्‍यम से साइनस और फिर बढ़ते हुए आंख और मस्तिष्क तक पहुंचता है। जहां यह धीरे-धीरे डैमेज कर देता है जिसके बाद मरीज की मौत हो जाती है। चूंकि यह नाक से पहुंच रहा है तो मास्‍क को लेकर भी शक पैदा हो रहा है।

डॉ जैन कहते हैं कि लोगों को सुरक्षा के लिए मास्‍क पहनने के साथ ही इसको लेकर सावधान भी होना पड़ेगा। एक ही मास्‍क को कई-कई दिन तक पहनना ठीक नहीं। यह कोरोना के बाद फैल रही बीमारी है। ऐसे में मास्‍क को बदलते रहना होगा।

कई विशेषज्ञों ने लोगों के मास्‍क की माइक्रोस्‍कोप से की गई जांच में पाया है कि ज्‍यादा दिन त‍क लगातार एक ही मास्‍क पहनना भी आपको ब्‍लैक फंगस का शिकार बना सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक ही मास्‍क को बिना साफ किए ज्‍यादा दिन पहनने के बाद उसमें फंगस आने लगता है और वह इतना सूक्ष्‍म होता है कि आंखों से दिखाई भी नहीं दे सकता। इसके लिए माइक्रोस्‍कोप ही चाहिए होता है। लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि मास्‍क भी ब्‍लैक फंगस का कारण हो सकता है।

15 राज्यों में ये है स्थिति

राज्य - केस - मौतें

गुजरात - 5000 - 90
महाराष्ट्र - 1500 - 90
राजस्थान - 700 - आंकड़ा नहीं
मध्य प्रदेश - 700 - 31
हरियाणा - 316 - 8
उत्तर प्रदेश - 300 - 8
दिल्ली - 300 - 1
बिहार - 117 - 2
छत्तीसगढ़ - 101 - 1
कर्नाटक - 97 - 1
तेलांगना - 80 - आंकड़ा नहीं
उत्तराखंड - 46 - 3
चंडीगढ़ - 27 - आंकड़ा नहीं
पुडुचेरी - 20 - आंकड़ा नहीं
झारखंड - 16 - आंकड़ा नहीं

क्या होता है ब्लैक फंगस?

म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस म्यूकरमाइसेल्स नाम की फंफूद से पनपता है। ये मिट्टी, पेड़ों और सड़ते हुए जैविक पदार्थों में पाई जाती है। अगर आप मिट्टी में काम कर रहे हैं, बागवानी कर रहे हैं तो इसे आसानी से बाहर से घर में ला सकते हैं।

हालांकि, ये घर में भी मिलती है। सड़ती हुई ब्रेड और फलों में भी ब्लैक फंगस हो सकती है। ये एयरकंडीशनर के ड्रिप पैन में भी हो सकती है। यानी ये हमारे आसपास हर जगह है। यह फंगस भारत में उन कोरोना मरीजों में जिनका इलाज चल रहा है, या जो संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण बेहद खतरनाक है, क्योंकि इसकी चपेट में आए करीब 50% मरीजों की जान चली गई है। इस फंगस के निशाने पर वो लोग बन रहे हैं, जिनका इम्युन सिस्टम कमजोर है। इस कमजोर इम्युनिटी की वजह अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल और कीमियोथैरेपी भी हो सकती है।

दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मरीजों को डॉक्टर्स की सलाह पर ही स्टेरॉयड दिया जाना चाहिए। साथ ही स्टेरॉयड की हल्की और मीडियम डोज ही देनी चाहिए। अगर कोई लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहा है, तो डायबिटीज जैसी समस्या आ सकती है। ऐसे में फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।