नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले कोर्ट ने मुख्यमंत्री की न्यायिक हिरासत की मांग करने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा है कि अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जानबूझकर सवालों के सीधे जवाब देने से बच रहे हैं।
केजरीवाल एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति हैं जो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और उन्होंने सवालों के उचित और सीधे जवाब नहीं दिए हैं।
सीबीआई ने कहा, केजरीवाल यह भी नहीं बता पाए कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान, संशोधित उत्पाद शुल्क नीति के लिए कैबिनेट की मंजूरी सिर्फ एक दिन के भीतर जल्दबाजी में क्यों प्राप्त की गई, जबकि दक्षिण समूह के आरोपी व्यक्ति दिल्ली में डेरा डाले हुए थे और बैठकें कर रहे थे। वह भी अपने करीबी सहयोगी विजय नायर के साथ। केजरीवाल ने नायर और विभिन्न हितधारकों के साथ उनकी बैठकों के बारे में सवालों को भी टाल दिया।
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई ने उन्हें कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। केजरीवाल को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें अब खत्म हो चुकी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी, जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
अगर केजरीवाल सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे दोनों मामलों में जमानत हासिल करने में विफल रहते हैं, तो वर्तमान मामले में उनकी पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। अदालत ने 19 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी थी।