कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं कि इससे पहले एक नए वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। ये नया वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में मिला है। WHO ने इस नए वैरिएंट का नाम ओमीक्रॉन (Omicron) रखा है और इसे 'वैरिएंट आफ कंसर्न यानी बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक प्रकार' करार दिया है। द। अफ्रीका के 3 प्रांतों में रोज मिलने वाले 90% केस इसी वैरिएंट के हैं, जो 15 दिन पहले सिर्फ 1% थे। वैज्ञानिकों को यही बात सबसे ज्यादा डरा रही है। क्योंकि, अभी तक सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट डेल्टा था, जिससे दुनिया में तीसरी लहर आई थी।
ओमिक्रॉन से नई लहर का खतराअब ओमिक्रॉन से नई लहर का खतरा है, क्योंकि यह डेल्टा से 7 गुना तेजी से फैल रहा है। यही नहीं, यह तेजी से म्यूटेट भी हो रहा है। पकड़ में आने से पहले ही इसमें 32 म्यूटेशन हो चुके हैं। इसे देखते हुए यूरोपीय यूनियन के सभी 27 देशों ने 7 अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर रोक लगा दी है।
दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते केसबेल्जियम में एक दिन में 23,350 नए मरीज मिले, अक्टूबर 2020 के बाद एक दिन में मिलने वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा हैं। स्विट्जरलैंड में एक दिन में 8,585 नए मरीज मिले हैं। यह नवंबर 2020 के बाद एक दिन में सबसे बड़ी बढ़त है। जर्मनी में एक ही दिन में 73,887 नए कोरोना मरीज मिले हैं। यह एक दिन अब तक की सबसे बड़ी बढ़त है। इटली में सबसे ज्यादा 12,448 कोरोना मामले दर्ज किए गए। 1 मई के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। फ्रांस में एक दिन में 32,591 नए केस सामने आए। यह पिछले हफ्ते से 61% ज्यादा है और अप्रैल के बाद एक दिन की सबसे बड़ी ग्रोथ है।
नए वैरिएंट से जुड़े कुछ अहम सवाल-जवाब:
- वैरिएंट पहली बार कब मिला?WHO के पास 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में B.1.1.529 वैरिएंट से संक्रमण का पहला मामला सामने आया। हालांकि इस वैरिएंट से संक्रमण का पता 9 नंवबर 2021 को टेस्ट के लिए आए एक सैंपल में मिला था। WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनम घेब्रेसस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया कि नया कोविड-19 वैरिएंट ओमीक्रॉन के बड़ी संख्या में म्यूटेशन हैं जिसमें से कुछ तो काफी चिंताजनक है। इसलिए हमें वैक्सीन को लेकर सजग होना होगा। दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों में बोत्सवाना और हांगकांग में यह वैरिएंट पाया गया है। इजरायल में भी मलावी से आए एक व्यक्ति को इससे संक्रमित पाया गया है। इस व्यक्ति को कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज भी लगाई जा चुकी थी।
- किस गति से फैल रहा है?बहुत तेजी से। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रो दीनान पिल्लई के मुताबिक कुछ ही सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग हुई है। इसलिए, इसकी असल रफ्तार और ज्यादा हो सकती है।
- विशेषज्ञ चिंतित क्यों हैं?वायरस इंसान की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल करते हैं। वैक्सीन शरीर को इन स्पाइक को पहचानने और उन्हें बेअसर करने के लिए तैयार करती है। B.1.1.529 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 32 वैरिएंट हैं। इससे वैज्ञानिक चिंतित हैं, क्योंकि म्यूटेशन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर अगली लहर का कारण बनता है।
- नए वैरिएंट का जोखिम कितना है?अभी इसकी जानकारी बहुत कम है। यह विदेशी यात्रियों के जरिए पहुंच सकता है।
- इसके खतरे की सही जानकारी कब होगी?वैज्ञानिकों को वायरस का स्वभाव समझने में करीब एक हफ्ता लग सकता हैं। वायरस के प्रति इम्युनिटी की प्रतिक्रिया पर अच्छा डेटा आने में कई सप्ताह लग सकते हैं।