भारत में गेमचेंजर साबित होगी रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V, आइए जानते है इसके बारे में सबकुछ

भारत में 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ था और इसके लिए इसी साल की शुरुआत में कोवीशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) को मंजूर किया गया था। कोवीशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) और एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने मिलकर बनाया है। भारत में पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसका प्रोडक्शन कर रहा है। वहीं, कोवैक्सिन को भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) के साथ मिलकर बनाया है। कोरोना की दूसरी और भयावह लहर का सामना कर रहे भारत में 1 मई से कोरोना टीकाकरण का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। देश में अब 1 मई से 18+ को भी वैक्सीन लगने लगेगी। बता दे, अब अक 45 वर्ष से ज्यादा आयु वालों को ही वैक्सीन लग रही थी। 1 मई से शुरू होने टीकाकरण अभियान को लेकर सबसे बड़ी चिंता यह थी कि वैक्सीन डोज नहीं हैं, ऐसे में 18+ को कैसे वैक्सीन लगेगी। पर अब खबरें आ रही हैं कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V ने इस चिंता को दूर कर दिया है।

मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर इस वैक्सीन को डेवलप करने वाले रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के प्रमुख किरिल दिमित्रेव के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि स्पुतनिक V का पहला बैच भारत में 1 मई को उपलब्ध हो जाएगा। दिमित्रेव ने दावा किया कि स्पुतनिक V के पहले बैच से पूरे देश में 18+ के टीकाकरण में मदद मिलेगी।

भारत में गेमचेंजर साबित होगी स्पुतनिक V

भारत में इस समय दो वैक्सीन उपलब्ध है. उनमें कोवैक्सिन का एफिकेसी रेट 81% है, जबकि कोवीशील्ड का कुछ शर्तों के साथ 80% तक। ऐसे में 91.6% इफेक्टिवनेस के साथ रूसी वैक्सीन सबसे ज्यादा इफेक्टिव वैक्सीन हो जाएगी। इस समय दोनों उपलब्ध वैक्सीन का प्रोडक्शन 4 करोड़ डोज प्रतिमाह का है, जिससे सिर्फ 25 लाख डोज रोज दिए जा सकते हैं। वहीं, इस समय 35 लाख डोज रोज दिए जा रहे हैं। इससे कम से कम 7 करोड़ डोज हर महीने चाहिए होंगे। डिमांड पूरी करने के लिए भारत को और वैक्सीन डोज की आवश्यकता है।

आपको बता दे, भारत में RDIF ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज से टाई-अप किया है। इस तिमाही में 12.5 करोड़ डोज का पहला बैच विदेश से आएगा। अगली तिमाही में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी की निगरानी में 6 कंपनियां मिलकर 85 करोड़ डोज बनाएंगी।

रूसी वैक्सीन Sputnik V को रशियन फेडरेशन में स्वास्थ्य मंत्रालय के गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ मिलकर बनाया है। स्पुतनिक V एक एडेनोवायरस प्लेटफॉर्म पर बनी वैक्सीन है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca) के डोज की तरह ही है, पर इसमें अलग एडेनोवायरस (Adenovirus) का इस्तेमाल किया गया है।

डेवलपर्स का कहना है कि Sputnik V ज्यादा जल्दी इफेक्टिव होकर इन्फेक्शन के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ाती है। अंतरिम एफिकेसी एनालिसिस 19,866 वॉलंटियर्स पर की गई स्टडी के आधार पर हैं। इसमें 14,964 को वैक्सीन लगाई गई थी, जबकि 4,902 लोगों को प्लेसिबो (सलाइन वॉटर)। स्टडी में 2,144 वॉलंटियर्स 60 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के थे। इनमें भी वैक्सीन ने अच्छी इफेक्टिवनेस दिखाई है। वैक्सीन पहले ही 59 देशों में अप्रूवल पा चुकी है।

अगस्त 2020 में जब रूस ने Sputnik V को अप्रूवल दिया तो पूरी दुनिया में इस पर सवाल उठ रहे थे. दरअसल, तब तक इसकी इफेक्टिवनेस के आंकड़े दुनिया के सामने नहीं आए थे। इसके बाद ट्रायल्स के नतीजे जैसे ही सामने आए तो पता चला कि यह वैक्सीन वाकई में कारगर है।

यह वैक्सीन गंभीर लक्षणों या मौत रोकने में 100% इफेक्टिव है। यह बहुत महत्वपूर्ण पैरामीटर है क्योंकि यह लोगों की जान बचा सकती है। इस वैक्सीन की सिंगल डोज भी संक्रमण के खिलाफ 87.6% तक प्रोटेक्शन देता है।

फरवरी 2021 में लैंसेट में छपी रिव्यू रिपोर्ट कहती है कि स्पुतनिक V वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी (Antibody) बनाती है। जो वायरस को जल्द से जल्द खत्म करते हैं। यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 92% तक सुरक्षा प्रदान करती है।

आपको बता दे, भारत में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। हर दिन कोरोना के नए मरीज रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। बुधवार को एक बार फिर देशभर में रिकॉर्ड 3.80 लाख मरीज मिले, जबकि 3,646 लोगों की मौत हो गई। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना केस (Corona Case) के बीच राहत की खबर ये है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड करीब 2.70 लाख मरीज रिकवर हुए हैं।