गोहत्या के शक में हिंसक हुई भीड़ ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने के बाद भी भीड़ उन्हें पीटती रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि उनके बाईं आंख के पास गोली लगने मौत हुई। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के पैतृक गांव के लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा है। सुबोध के परिजनों का आरोप है कि एक साजिश के तहत सुबोध कुमार सिंह की हत्या कराई गई है। उनकी मांग है कि सुबोध कुमार को शहीद का दर्जा दिया जाए। परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अभी तक कोई मिलने नहीं आया। मृतक सुबोध कुमार सिंह के चाचा का कहना है कि उनके भतीजे की हत्या एक साजिश है। उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि सुबोध कुमार अखलाक हत्याकांड के जांच अधिकारी थे। हो सकता है साजिश के तहत हत्या की गई है।
योगी आदित्यनाथ हमेशा गौ-गौ-गौ चिल्लाते रहते हैं। खुद आकर गौरक्षा क्यों नहीं करतेमृतक सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अभी तक कोई मिलने नहीं आया। सुनीता सिंह ने कहा, " मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा गौ-गौ-गौ चिल्लाते रहते हैं। खुद आकर गौरक्षा क्यों नहीं करते हैं। शर्म की बात है। अफसोस है मुझे इस बात का। गौ हमारी माता है। लेकिन गौ एक जानवर है उसी के लिए मेरे भाई ने जान दे दी। हमें पैसे नहीं चाहिए। हमारा भाई एक जाबांज अफसर था।" मृतक सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह कहती हैं, 'सुबोध कुमार अखलाक हत्याकांड की जांच कर रहे थे। इसी वजह से उनकी हत्या हुई। यह पुलिस की साजिश है।' उन्होंने भाई को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि पैतृक गांव में उनका स्मारक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई प्रतिनिधि अभी तक घर नही पहुंचा है। मृतक इंस्पेक्टर की बहन ने बताया कि शाहिद के पिता रामप्रताप सिंह की भी झांसी में गोली लगने से मौत हुई थी। वो भी शहीद हुए थे।
आज मेरे पापा की जान गई है, कल किसके पिता को मार डालोगेउधर अपने पिता के निधन से गम में डूबे बड़े बेटे श्रेय ने खुलासा करते हुए कहा कि पापा को लगातार धमकियां मिल रही थीं। आंखों में आंसू लिए श्रेय उन पलों को याद करते हुए कहते हैं कि पापा कहते थे बेटा यूपीएससी की पढ़ाई करो। सिविल सेवा में जाकर देश का नाम रौशन करो। छोटे बेटे अभिषेक ने कहा है कि हिन्दू-मुस्लिम विवाद की वजह से उनके पिता की जिंदगी चली गई। अभिषेक ने कहा- पिता मुझे अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के आधार पर किसी हिंसा को बढ़ावा नहीं दे। इंस्पेक्टर के बेटे ने यह भी सवाल किया- आज मेरे पापा की जान गई है, कल किसके पिता को मार डालोगे!
बता दें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव एटा जिले के जैथरा गांव के तरिगमा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनको सलामी दी जाएगी। इससे पहले शहीद सुबोध कुमार के शव को एटा पुलिस लाइन में लाया जाएगा, जहां पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी जाएगी। एटा पुलिस लाइन में आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद, अलीगढ़ मंडल के डीआईजी डॉ प्रतिन्दर सिंह, एटा के एसएसपी आशीष तिवारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलंदशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है। उन्होंने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी को 40 लाख रूपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रूपये की सहायता की घोषणा की।