हिंदी दिवस विशेष: अंग्रेजी बनती जा रही है हिंदी का काल, जानें प्राथमिकता नहीं दी जानें की वजह

हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन इसलिए विशेष हैं कि आज के दिन साल 1949 में हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा तौर पर संविधान में शामिल किया गया था। इसी के साथ ही हिंदी दिवस का महत्व इसलिए हैं कि यह हमारी जड़ों को दर्शाते हुए हमें हिंदी से हमारे जुडाव को दर्शाता हैं। हांलाकि आज के समय में हिंदी भाषा खोती हुई नजर आ रही हैं और इसका काल बन रही हैं अंग्रेजी भाषा। हिंदी भाषा दुनिया में व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओँ में चौथे नंबर पर हैं लेकिन इसकी प्राथमिकता में गिरावट आई हैं।

यह देखना दुखदाई है कि नौकरियों और शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए भी लोगों को स्मार्ट होना पड़ता है क्योंकि नौकरी पर रखने वाले अधिकारी उन्हें उनके अंग्रेजी से संबंधित ज्ञान के आधार पर चुनते हैं। इस वजह से स्कूल से लेकर कॉलेज, कॉर्पोरेट, कार्यालयों तक अंग्रेजी को अधिक प्राथमिकता दी जाती है और हिंदी अंग्रेजी से पिछड़ जाती है। माता-पिता, शिक्षकों और हर किसी को लिखित और मौखिक रूप से अंग्रेजी सीखने के महत्व पर जोर देना आम बात है क्योंकि इससे नौकरी हासिल करने में काफी मदद मिलती है।

बहुत से लोग सिर्फ इसलिए काम करने का अवसर खो देते हैं क्योंकि वे अंग्रेजी को धाराप्रवाह नहीं बोल पाते भले ही वे काम के बारे में अच्छी जानकारी रखते हों। हिंदी दिवस ऐसे लोगों को जगाने का प्रयास है और उनमें हिंदी भाषा के लिए सम्मान स्थापित करने का प्रयास है।