यूपी के करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत, इस साल भी बिजली की दरों में नहीं होगा इजाफा

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (यूपीईआरसी) ने गुरुवार को ऐलान किया है कि राज्य में बिजली की दरें इस साल भी नहीं बढ़ेंगी। मौजूदा टैरिफ 2021-22 में सभी उपभोक्ता श्रेणियों के लिए पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। यह खबर उपभोक्ताओं के लिए यह राहतभरी है। इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के अध्यक्ष आरपी सिंह और सदस्य केके शर्मा और वीके श्रीवास्तव की बेंच ने गुरुवार को राज्य के बिजली वितरण निगमों की ओर से 2021-22 के लिए ऐनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) दायर की और परिवर्तन याचिका पर फैसला सुनाते हुए एक टैरिफ आदेश जारी किया है।

दरअसल, बिजली कम्पनियों ने स्लैब परिवर्तन और रेगुलेटरी असेट के आधार पर बिजली की दरों में 10 से 12 प्रतिशत के इजाफे का प्रस्ताव रखा था, जिसे उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में केवल एक बार बिजली दरों में वृद्धि की थी। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि सभी बिजली कंपनियों के मौजूदा गैप/सरप्लस की स्थिति के चलते 2021-22 में पिछले साल की तरह ही दरें बरकरार रखी जाएंगी।

आयोग ने बिजली कंपनी टैरिफ श्रेणियों और उपश्रेणियों (स्लैब) के साथ-साथ नियामक संपत्तियों को रेशनलाइज करने की योजना को खारिज कर दिया है। आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि स्मार्ट मीटर से जुड़ी कोई भी कीमत का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाली जाएगी। पहले से स्वीकृत स्मार्ट मीटर रोलआउट योजना को बिलिंग और रेवेन्यू कलेक्शन की क्षमता को बढ़ाने पर जोर देना था।

रेगुलेटरी कमीशन की 2021-22 की बिजली दरें अगस्त के दूसरे सप्ताह से लागू हो सकती हैं।
टैरिफ आदेश को प्रकाशित करने की केवल कानूनी औपचारिकता पूरी की जानी बाकी है। टैरिफ प्रकाशित होने के 7 दिन बाद प्रभावी हो जाएंगे। 2003 के विद्युत अधिनियम के नियमों के अनुसार, टैरिफ आदेश जारी होने के तीन दिनों के भीतर सार्वजनिक किया जाना चाहिए, और दरें प्रकाशन के 7 दिनों के बाद प्रभावी होनी चाहिए।