शिक्षा ऋण के लिए छात्रों को अब बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम (बीएसईएफसी) बेटियों व दिव्यांगों को महज एक फीसदी और बेटों को चार प्रतिशत की दर से शिक्षा ऋण मुहैया करायेगा। पढ़ाई पूरी होने के एक साल बाद बच्चों को किस्तों में ऋण वापस करनी होगी।
सरकार के इस फैसले के बाद बेटे व बेटियों के डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट सहित 42 कोर्स में दाखिला और पढ़ाई आसान हो जाएगा। सात निश्चय के तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर बीएसईएफसी ऋण उपलब्ध करायेगा। बीएसईएफसी का उद्घाटन चार अप्रैल को सीएम नीतीश कुमार ने पटना में किया था। भागलपुर में इसकी शाखा जिला पंजीयन सह पर्रामश केंद्र (डीआरसीसी) में खुलेगी। इसके लिए जगह निर्धारित कर ली गई है। डीआरसीसी के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इसमें डीआरसीसी के तीन कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति का आदेश मुख्यालय से आ चुका है। इसमें एक सहायक प्रबंधक, तीन सिंगल विंडो ऑपरेटर(एसडब्यू) की तैनाती की जा रही है। मई के पहले सप्ताह में कार्यालय खुल जायेगा।
अनुमानित खर्च के ब्योरे के साथ करें आवेदनकोर्स में दाखिले के बाद बच्चे सात निश्चय के स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करेंगे। शैक्षणिक दस्तावेज, दाखिला व संस्थान की मान्यता व अनुमानित खर्च के ब्यौरे के साथ आवेदन देना होगा। आवेदन के साथ जमा किये गये कागजातों का डीआरसी काउंटर पर सत्यापन किया जायेगा।
सत्यापन के बाद छात्र के आवासीय और संस्थान के बारे में थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन करेंगे। उसकी रिपोर्ट में सही पाये जाने के बाद फिर आवेदन को बीएसईएफसी को सौंप दिया जायेगा। वहां से छात्रों के खाते में ऋण की राशि जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी।
छात्र को देना होगा एनओसी
डीआरसीसी के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि निगम से सभी नये आवेदकों को ऋण मिलेगा। इसके अलावा, पुराने वैसे आवेदकों को भी निगम से ऋण मिलेगा, जिनको बैंकों ने स्वीकृति के बाद राशि नहीं जारी की है। इसके लिए छात्र को स्वयं उपस्थित होकर एक एनओसी देना होगा।