नई दिल्ली। देश की दिग्गज ऑनलाइन एजुकेशन कंपनी बायजू की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 9,000 करोड़ की हेराफेरी मामले में कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजा है। हालांकि, इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बायजू ने किसी भी प्रकार की नोटिस मिलने से इनकार किया है। बता दें कि जांच एजेंसी ने फेमा FEMA की जांच में कंपनी के खिलाफ 9,000 करोड़ की अनियमितता पाई थी।
अप्रैल में हुई थी छापेमारीइससे पहले अप्रैल महीने में जांच एजेंसी ने एजुटेक कंपनी के दफ्तर समेत कई परिसरों पर तलाशी ली थी। इस दौरान ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए थे। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में पता चला था कि कंपनी को साल 2011 से 2023 के बीच लगभग 28000 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली है।
बायजू रवींद्रन की कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड 22 बिलियन डॉलर में भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप, ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म बायजूस चलाती है. कंपनी ने टाइगर ग्लोबल, सिकोइया कैपिटल, जनरल अटलांटिक, प्रॉसस, ब्लैकरॉक और टेनसेंट सहित कई निवेशकों को अपने समर्थक के रूप में दर्शाती है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि तलाशी और जब्ती कार्रवाई के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किया गया। तलाशी से यह भी पता चला कि कंपनी को कथित तौर 2011 से 2023 की अवधि के दौरान 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ था।
2020-21 से नहीं तैयार है वित्तीय लेखा जोखाप्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला कि इस अवधि के दौरान कंपनी ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर लगभग 9754 करोड़ रुपये विदेश भेजे हैं। कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 से अपने वित्तीय लेखा जोखा नहीं तैयार किये हैं। ऐसे में जांच एजेंसी कंपनी के खातों की जांच कर रही है।