सरकार ने दी देश की आर्थिक सेहत की पूरी जानकारी, GDP ग्रोथ 7 फीसदी रहने की उम्मीद

बजट से एक दिन पहले आज यानी गुरुवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वे पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2019-20 के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर थी। यह सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार किया है। दरअसल पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के पद छोड़ने के बाद पिछले साल दिसंबर में केवी सुब्रमण्यन को इस पद पर नियुक्त किया गया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जरिए संसद में पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा...

- वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को 8 फीसदी की वृद्धि दर बरकरार रखनी होगी। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए विदेशी मुद्रा भंडार 412.9 बिलियन अमरीकी डालर निर्धारित किया गया है, पिछली बार ये 424.5 बिलियन था।

- आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक निवेश दर में इजाफे का अनुमान है। साल 2011-12 से निवेश दर में कमी देखी जा रही है। अब साल 2019-20 में इसमें इजाफे की उम्मीद जताई गई है।

- आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, वित्तवर्ष 2019 के दौरान सामान्य वित्तीय घाटा 5.8 फीसदी रहने का अनुमान, जबकि वित्तवर्ष 2018 के दौरान 6.4 फीसदी था।

- आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19: वर्ष 2019-20 के दौरान तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना।

- आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, कृषि क्षेत्र में धीमापन से ग्रोथ पर दबाव, खाद्य उत्पाद कीमतें गिरने से उत्पादन में कमी।

- आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

- आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, साल 2018-19 के लिए निर्यात 12.4% बढ़ने का अनुमान है, जबकि आयात 15.4% की वृद्धि हुई है।

- आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, देश में पर्याप्त रूप से विदेशी मुद्रा भंडार है और आगे भी इसमें कमी नहीं आएगी। 14 जून तक देश में कुल 42220 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद था।

- आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, कंस्ट्रक्शन में तेजी आने से IIP ग्रोथ बेहतर हुई। एमएसएमई सेक्टर को कर्ज देने की रफ्तार तेज हुई। 2018-19 में भारत उभरते देशों में सबसे आगे रहा है। देश में निवेश की दर में गिरावट का सिलसिला खत्म हुआ।

राज्यसभा के बाद लोकसभा में आर्थिक सर्वे को पेश किया गया है। आर्थिक सर्वे अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल का रिपोर्ट कार्ड होता है। इसमें अगले वित्त वर्ष के नीति निर्णयों के संकेत भी होते हैं।

दरअसल, आर्थिक सर्वे में देश के विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है। इसे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार आर्थिक सर्वे करके तैयार करते हैं। य‍ह वित्‍त मंत्रालय का बहुत ही महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज होता है। खासकर इसमें सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी होती है। इसके जरिये सरकार ये बताने की कोशिश करती है कि उसने आम लोगों के हित में जो योजनाएं शुरू की हैं। उसका प्रदर्शन कैसा है और अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य में कितनी बेहतर संभावनाएं हैं। आर्थिक सर्वे पेश करने के पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार ने टवीट कर लिखा कि अपना पहला और नई सरकार का भी पहला आर्थिक सर्वे संसद में गुरुवार को पेश करने को लेकर उत्साहित हूं। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने ट्विटर पर लिखा, मेरी और नई सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा के संसद के पटल पर रखे जाने के लेकर उत्साहित हूं।

5 जुलाई को पेश होगा बजट, 8 जुलाई को होगी बजट पर आम चर्चा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को सुबह 11:00 बजे अपने बजटीय भाषण की शुरुआत करेंगी। वित्त मंत्री अपने भाषण की शुरुआत लोकसभा स्पीकर को संबोधित करके शुरू करेंगी। इसके अलावा 8 जुलाई को बजट पर आम चर्चा हो सकती है और 11 से 17 जुलाई के बीच अनुदान मांगों पर भी चर्चा हो सकती है।