ईस्टर संडे पर जाने क्या है अंडे का महत्व

ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है। ईसाई धर्म के मानने वालों का विश्वास है कि गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी उसके अगले संडे को ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे। इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मानते हैं। ये दिन गुड फ्राईडे के दो दिन बाद और पुन्य बृहस्पतिवार या मौण्डी थर्सडे के तीन दिन बाद आता है। 26 और 36 ई.प. के बीच में हुई उनकी मृत्यु और उनके जी उठने के कालक्रम को अनेकों तरीके से बताया जाता है।

ईस्टर को चर्च के वर्ष का काल या ईस्टर काल या द ईस्टर सीज़न भी कहा जाता है। परंपरागत रूप से ईस्टर काल चालीस दिनों का होता है। ये ईस्टर दिवस से लेकर स्वर्गारोहण दिवस तक होता आया है लेकिन आधिकारिक तौर पर अब ये पंचाशती तक पचास दिनों का होता है। ईस्टर सीज़न या ईस्टर काल के पहले सप्ताह को ईस्टर सप्ताह या ईस्टर अष्टक या ओक्टेव ऑफ़ ईस्टर कहते हैं। ईस्टर को चालीस सप्ताहों के काल या एक चालीसे के अंत के रूप में भी देखा जाता है, इस काल को उपवास, प्रार्थना और प्रायश्चित करने के लिए माना जाता है।

यूरोप में प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार ईस्त्र वसंत और उर्वरता की एक देवी थी। इस देवी की प्रशंसा में अप्रैल के महीने में उत्सव होते थे। यह पर्व हमेशा एक ही तारीख को नहीं पड़ता। 21 मार्च के बाद जब पहली बार पूरा चांद होता है, उसके बाद के पहले रविवार को ईस्टर का त्योहार होता है। ईस्टर खुशी का दिन होता है। इस पवित्र संडे को खजूर इतवार भी कहा जाता है। ईस्टर का पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ईस्टर रविवार के पहले सभी चर्चों में रात भर प्रार्थना और अन्य धार्मिक परंपराएं पूरी की जाती है।

इसी के साथ खूब सारी मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु में अपने भरोसे को प्रकट किया जाता है। यही कारण है कि ईस्टर पर सजी हुई मोमबत्तियां अपने घरों में जलाना तथा दोस्तों में इन्हें बांटना एक प्रचलित परंपरा है। ईसाइयों के साथ ही दूसरे धर्म के लोग भी आपसी भाईचारे और एकता के साथ इस पर्व को मनाते है। इस दिन और रात में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते है।

क्या है अंडे का महत्व

ईस्टर में अंडे का खास महत्व है क्योंकि, जिस तरह से चिड़िया सबसे पहले अपने घोसले मे अंडा देती है। उसके बाद उसमें से चूजा निकलता है ठीक उसी तरह अंडे को एक शुभ स्मारक माना है और ईस्टर में खास तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाता है। कहीं चित्रकारी करके, कहीं दूसरे रूप में सजाकर, इसे गिफ्ट के रूप में एक दूसरे को दिया भी जाता है। यह एक शुभ संकेत होता है जो लोगों को देकर उनके जीवन में नया उत्साह और जीवन जीने के लिए नए उमंग से भरने का संदेश देता है।