ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में पाकिस्तान के लिए भी अच्छी खबर, लगाई भारत से दोगुनी छलांग

इकोनॉमी के मोर्चे पर जहां भारत के लिए अच्छी खबर आई है वही पाकिस्तान की बदहाल होती अर्थव्यवस्था के लिए भी राहत की खबर आई है। वर्ल्ड बैंक की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में पाकिस्तान ने जबरदस्त छलांग लगाई है। 28 रैंकिंग के सुधार के साथ पाकिस्तान 108वें स्थान पर पहुंच गया है। वही भारत की रैंकिंग में 14 पायदान का सुधार हुआ है। वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की 2019-20 की लिस्ट में भारत 63वीं रैंक पर आ गया है।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनेस के लिए बेहतर माहौल के मामले में जिन 10 देशों की रैकिंग में सबसे ज्यादा सुधार हुआ है, उनमें पाकिस्तान भी शामिल है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत के अलावा टॉप-10 सुधारक देशों में सऊदी अरब (62), जॉर्डन (75), टोगो (97), बहरीन (43), ताजिकिस्तान (106), पाकिस्तान (108), कुवैत (83), चीन (31) और नाइजीरिया (131) शामिल हैं।

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने पिछले एक साल में छह आर्थिक सुधार किए जिससे उसकी रैकिंग में जबरदस्त उछाल आया है। हालांकि, अभी भी पाकिस्तान रैंकिंग में भारत से बहुत पीछे है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में रैकिंग सुधारने के मामले में भारत, पाकिस्तान समेत चीन, सऊदी अरब, जॉर्डन, तोगो, बहरीन, तजाकिस्तान, कुवैत, और नाइजीरिया सबसे आगे हैं।

आपको बता दे, साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो उस समय भारत 142वें स्थान पर था। मोदी सरकार के 4 साल तक जारी सुधारों के बाद साल 2014 में भारत की रैकिंग सुधरकर 100 हो गई। हालांकि साल 2017 में भारत ईज ऑफ डूइंग सूची में फिर फिसलकर 130वें स्थान पर ईरान और युगांडा से भी पीछे चला गया। इसके बाद साल 2018 में फिर भारत के पोजीशन में उछाल आया और इस सूची में यह काफी उछलकर 77वें स्थान पर पहुंच गया। वर्ल्ड बैंक की 'डूइंग बिजनेस' 2020 रिपोर्ट में भारत में किए गए सुधारों की तारीफ करते हुए कहा गया है कि इतने बड़े देश के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण बात है। 190 देशों की इस सूची में न्यूजीलैंड शीर्ष स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर सिंगापुर और तीसरे स्थान पर हॉन्ग कॉन्ग और चौथे स्थान पर डेनमार्क हैं।

विश्व बैंक अपनी वार्षिक कारोबार सुगमता रिपोर्ट में विभिन्न देशों को उनके यहां कारोबार शुरू करने और कारोबार करने से संबंधित 10 मानकों के आधार पर रैंकिंग देता है। इन मानदंडों में कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली कनेक्शन प्राप्त करना, कर्ज लेना, करों का भुगतान, सीमापार व्यापार, अनुबंधों को लागू करना और दिवाला निपटान आदि शामिल हैं।

बता दे, भारत इस सूची में लगातार तीसरे साल शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देश में भी शामिल है। यह रैंकिंग ऐसे समय में आई है, जब भारतीय रिजर्व बैंक, वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), मूडीज सहित कई एजेंसियों ने आर्थ‍िक सुस्ती को देखते हुए जीडीपी में बढ़त के अनुमान को घटा दिया है। देश में आर्थि‍क सुस्ती का माहौल है और अर्थव्यवस्था के लगभग सभी मोर्चों पर नकारात्मक खबरें आ रही थीं।