वर्ल्ड बैंक आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रेटिंग जारी कर दी है। भारत की रैंकिंग में जबरदस्त उछाल आया है। भारत ने पिछले 4 साल में 65 देशों को पीछे छोड़ा है। भारत की 100 नंबर से चढ़कर अब 77वें पायदान पर पहुंच गया है। पिछले साल भारत इस सूची में टॉप 100 में आ गया था। भारत को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सूची में 100वां स्थान मिला था। इस सूची में इस साल जीएसटी और इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड जैसे सुधारों का फायदा सरकार को मिल सकता है। पिछले साल भारत ने इस रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाई थी। उधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी और आर्थिक सुधार की जरूरत है। जेटली ने कहा कि आर्थिक सुधारों की बदौलत रैंकिंग में सुधार हुआ है। दिल्ली और मुंबई में सिंगल विंडों सिस्टम लाने से भी रैंकिंग में सुधार हुआ है। विश्व बैंक यह रैंकिंग 10 मानदंडों मसलन कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली कनेक्शन हासिल करना, कर्ज हासिल करना, टैक्स भुगतान, सीमापार कारोबार, अनुबंध लागू करना और दिवाला मामले के निपटान के आधार पर तय करता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को उम्मीद जताई थी कि इस साल भी भारत की रैकिंग में सुधार होगा। उन्होंने कहा था, 'कल आपको एक अच्छी खबर सुनने को मिलेगी कि कारोबार सुगमता के मानदंडों पर भारत की रैंकिंग सुधरी है। हमने इस दिशा में उल्लेखनीय रूप से सुधार किया है।'
आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक हर साल आसान कारोबार वाले देशों की सूची जारी करता है इसमें कुल 190 देश होते हैं। मोदी सरकार का सपना इस सूची में भारत को टॉप 50 में लाने का है। इस बार रैंकिंग में भारत का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होगा। विश्व बैंक हर साल आसान कारोबार वाले देशों की सूची जारी करता है।
किस आधार पर तय होती है रिपोर्टभारत ने 2003 से अब तक 37 बड़े सुधार लागू किए हैं। पिछले साल इस रिपोर्ट में दिल्ली और मुंबई को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में किसी कारोबार को शुरू करना, कंस्ट्रक्शन परमिट, क्रेडिट मिलना, छोटे निवेशकों की सुरक्षा, टैक्स देना, विदेशों में ट्रेड, कॉन्ट्रैक्ट लागू करना और दिवालिया शोधन प्रक्रिया को आधार बनाया जाता है।