
शुक्रवार को म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप ने साउथ ईस्ट एशिया को हिला कर रख दिया। देर रात एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई। भूकंप निगरानी सेवाओं के अनुसार, शुक्रवार देर रात मध्य म्यांमार में आए इस भूकंप के झटकों के कारण कई लोग सड़कों पर नजर आए। भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड तक भी महसूस किया गया। बैंकॉक में भी झटकों के बाद सैकड़ों लोग घबराकर इमारतों से बाहर आ गए।
भारी तबाही, 150 से अधिक लोगों की मौतम्यांमार और थाईलैंड में इस विनाशकारी भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। इमारतें, पुल और एक बांध नष्ट हो गए। अब तक म्यांमार में कम से कम 144 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। प्रभावित शहरों से आई तस्वीरों और वीडियो में जबरदस्त नुकसान देखा जा सकता है। वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। अब तक की जानकारी के अनुसार, इस भूकंप में कम से कम 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 730 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालांकि, म्यांमार में सूचना पर कड़े नियंत्रण और गृहयुद्ध के चलते स्थिति की पूरी स्पष्टता अब तक नहीं मिल पाई है। म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख, वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने टेलीविजन पर दिए अपने संबोधन में चेतावनी दी कि मृतकों और घायलों की संख्या और बढ़ सकती है। राजधानी नेपीता से आई तस्वीरों में सरकारी आवासीय इमारतों को भारी नुकसान हुआ दिखाई दे रहा है, और बचाव दल मलबे से पीड़ितों को निकालने में जुटे हुए हैं।
म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप, 730 लोग घायलशुक्रवार दोपहर म्यांमार में आए भीषण भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई, जिसका केंद्र देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। इसके बाद 6.4 तीव्रता का एक और शक्तिशाली झटका महसूस किया गया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सहायता अपील पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।
इमारतें, पुल और बांध हुए ध्वस्त, राहत कार्य जारीभूकंप के बाद मांडले में टूटी-फूटी सड़कें, क्षतिग्रस्त राजमार्ग और ढह चुके पुल और बांधों की तस्वीरें चिंता बढ़ा रही हैं। बचाव दल पहले से ही देश में मौजूद व्यापक मानवीय संकट के बीच राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। सरकार ने सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में रक्तदान की अपील की है, क्योंकि खून की भारी कमी महसूस की जा रही है।
भूकंप के बाद अफरा-तफरी, बैंकॉक में दहशत का माहौलम्यांमार में आए भीषण भूकंप के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति के म्यांमार निदेशक मोहम्मद रियास के अनुसार, इस भूकंप से हुई तबाही का पूरा आकलन करने में कई हफ्ते लग सकते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में बैंकॉक के चतुचक बाजार के पास 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत को धूल के गुबार में तब्दील होते देखा गया, जिसकी छत पर एक क्रेन लगी हुई थी। भूकंप के तुरंत बाद पूरे बैंकॉक में चेतावनी सायरन गूंज उठे और सड़कों पर वाहनों की संख्या अचानक बढ़ने से कई इलाकों में जाम लग गया। शहर में एलिवेटेड रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और सबवे सेवाएं भी रोक दी गईं।
बैंकॉक में भूकंप दुर्लभ, लोगों में बढ़ी दहशतहालांकि यह इलाका भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, लेकिन इतने तीव्र झटकों का अनुभव थाईलैंड की राजधानी में दुर्लभ माना जाता है। बैंकॉक नदी के डेल्टा पर स्थित है, जहां भूकंप का मध्यम जोखिम रहता है।
बैंकॉक के सिटी सेंटर में काम करने वाली अप्रैल कनिचवानाकुल ने बताया कि उन्होंने पहली बार भूकंप का अनुभव किया। उन्होंने कहा, मुझे लगा कि मुझे चक्कर आ रहा है। कनिचवानाकुल और उनके सहकर्मी टोनसन टॉवर की 10वीं मंजिल से नीचे उतर आए और बाहर सुरक्षित संकेत का इंतजार करने लगे।
मलबे में दबी जिंदगियां, कई लोग लापताथाईलैंड के बैंकॉक प्रशासन के अनुसार, भूकंप के कारण तीन निर्माण स्थलों पर भारी नुकसान हुआ, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई, 16 घायल हो गए और 101 लोग अब भी लापता हैं।
बैंकॉक को आपदा क्षेत्र घोषित किया गयाअमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप दोपहर में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया, जिसका केंद्र म्यांमार में था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बैंकॉक सिटी हॉल ने शहर को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है।
ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र में 1.70 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से कई ऊंची इमारतों में रहते हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए अंतर-एजेंसी सहायता तंत्र को सक्रिय कर दिया है।
म्यांमार की मदद के लिए सबसे पहले आगे आया भारतभूकंप की मार झेल रहे म्यांमार की मदद के लिए भारत आगे आया है। सूत्रों ने बताया कि भारत शनिवार को भूकंप प्रभावित म्यांमार को एक सैन्य परिवहन विमान में करीब 15 टन राहत सामग्री भेजेगा। सूत्रों ने बताया कि भेजी जा रही राहत सामग्री में टेंट स्लीपिंग बैग कंबल खाने के लिए तैयार भोजन वाटर प्यूरीफायर सोलर लैंप जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं।