अफ्रीकी देश मोरक्को में 7.2 की तीव्रता से आया भूकम्प, 296 मरे

नई दिल्ली। मोरक्को के मराकेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में शुक्रवार की देर रात को शक्तिशाली भूकंप आया। 7.2 तीव्रता के भूकंप के झटको से मोरक्को थर्रा उठा। इस भयानक भूकंप से दर्जनों इमारतें जमींदोज हो गई। अफ्रीकी देश मोरक्को में भूकंप से अब तक 296 लोगों की मौत हो चुकी है। 153 लोग जख्मी हो गए हैं। मोरक्को जियोलॉजिकल सेंटर ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी। यह शुक्रवार की देर रात आया। हालांकि, US जियोलॉजिकल सर्वे ने इसकी तीव्रता 6.8 बताई है। कहा है कि ये इस इलाके में 120 साल में आया सबसे ताकतवर भूकंप है।

मोरक्को के स्टेट टेलीविजन ने बताया कि भूकंप की वजह से कई इमारतें ढह गईं हैं। सोशल मीडिया पर भूकंप से जुड़े कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें लोग भागते हुए नजर आ रहे हैं।

भूकंप का एपिसेंटर एटलस पर्वत के पास इघिल नाम का गांव बताया जा रहा है, जो माराकेश शहर से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। भूकंप की गहराई जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे थी। पुर्तगाल और अल्जीरिया तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप से इमारतें मलबे और धूल में तब्दील हो गईं। UNESCO की विश्व धरोहर स्थल ऐतिहासिक माराकेच में पर्यटकों का ध्यान खींचने वाली लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। US जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, उत्तरी अफ्रीका में भूकंप काफी दुर्लभ है। इससे पहले 1960 में अगादिर के पास 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब हजारों लोगों की मौत हो गई थी।

चारों ओर तबाही का मंजर


भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार रात 11 बजे महसूस किए गए। मराकेश शहर में बड़ी संख्या में घर गिरे हैं। झटका इतना तेज था कि लोगों में चीख-पुकार मच गई। भूकंप के बाद भी लोगों के मन में डर बना हुआ है और वह अपने घरों में दोबारा नहीं जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में ढहीं इमारतें, संकरी गलियों में पसरा मलबे का ढेर, चारों ओर तबाही का मंजर दिख रहा है। सड़कों पर मलबा जमा है। तबाही के बाद स्थानीय लोगों ने राहत बचाव का काम शुरू किया।

PM मोदी बोले- भारत करेगा मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। पीएम मोदी कहा है कि भारत मोरक्को की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। आपको बता में यह पहली बार नहीं है जब कि किसी देश पर प्राकृतिक आपदा आती है तो भारत हमेशा मदद के लिए तैयार रहता है। कई देशों में भारत मदद कर चुका है।

2004 में 628 लोगों की हुई थी मौत

आपको बता दें कि अफ्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। साल 2004 में अल होसेइमा में आए भूकंप ने तबाही मचाई थी। उस में करीब 628 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। वहीं, 926 घायल हो गए थे।