ड्रग माफिया किंग जाफर सादिक गिरफ्तार, दिखावे के तौर पर करता था फिल्म निर्माण, मिला बॉलीवुड लिंकेज

नई दिल्ली। कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले से जुड़े तमिल फिल्म निर्माता जाफर सादिक को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (एनसीबी) ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। एनसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि जाफर सादिक भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में फैले ड्रग्स नेटवर्क का सरगना है। आरोपी सादिक ने ड्रग्स तस्करी से बड़ी रकम कमाई और इसे फिल्म निर्माण जैसे उद्योगों में निवेश किया। अधिकारी ने बताया कि एनसीबी ने दिल्ली क्राइम ब्रांच की मदद से फरवरी महीने में ही ड्रग्स तस्करी के इस सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था लेकिन सरगना कानून की पकड़ से दूर था। अब सरगना जाफर सादिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

एनसीबी ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि सादिक एक ड्रग सिंडिकेट का संचालन कर रहा था, जिसने पिछले तीन वर्षों में विभिन्न देशों में 45 खेप भेजी, जिसमें लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन था।

इस नेटवर्क के तार भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया तक फैले हुए हैं। जाफर सादिक अब्दुल रहमान जो स्यूडोएफेड्रिन ड्रग्स को न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया तक सप्लाई करता था, उसे पकड़ लिया गया है। स्वास्थ्य मिश्रण पाउडर और सूखे नारियल जैसे खाद्य उत्पादों में छिपाकर हवाई और समुद्री कार्गो के माध्यम से दवाओं की तस्करी की जाती थी।

बीते 15 फरवरी को एनसीबी ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मिलकर बसई तारापुर में एक ऑपरेशन किया था। मौके से 50 किलो स्यूडोएफेड्रिन ड्रग्स बरामद की गई थी। साथ ही तीन आरोपी भी पकड़े गए थे। न्यूजीलैंड सीमा शुल्क और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से जानकारी मिलने के बाद कि दोनों देशों में बड़ी मात्रा में स्यूडोएफ़ेड्रिन भेजा जा रहा है, एनसीबी न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।

एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि तीनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ में पता चला कि जफर सादिक ही पूरे गिरोह का मास्टर माइंड है। वह दिखावे के लिए फिल्म निर्माण का कारोबार करता है लेकिन उसके पीछे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स तस्करी का सरगना है। अब जफर की गिरफ्तारी हो गई है। जफर खुद को चेन्नई वेस्ट डिस्ट्रिक्ट (डीएमके) के एनआरआई विंग का उप प्रमुख बताता है। प्रारंभिक जांच में, उसने खुलासा किया था कि उसने मादक पदार्थों की तस्करी के माध्यम से बहुत कमाई की। इसे उसने फिल्म निर्माण जैसे कई उद्योगों में निवेश किया। उसके कई सहयोगी हैं जिनकी पहचान की जा रही है।

ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा- हम पता लगाएंगे कि उसके संबंध और किन लोगों से हैं। हमें उसका बॉलीवुड लिंकेज भी मिला है। बॉलीवुड के फाइनेंसर और प्रोड्यूसर जो आरोपी के टच में थे, यदि जांच में मनी ट्रेल उन तक पहुंचती नजर आती है तो उनसे भी पूछताछ की जाएगी। ऑस्ट्रेलिया में भी उसका एक मॉड्यूल है जिस पर जांच चल रही है। हम जल्द उसका भी भंडाफोड़ करेंगे। उसने पूछताछ में बताया है कि उसने ड्रग्स के पैसे का कंस्ट्रक्शन और होटल इंडस्ट्री में भी निवेश किया। उसने कुछ लोगों की फंडिंग भी की है। आरोपी ने कुछ फिल्में भी बनाई हैं।

इसके मॉड्यूल विदेशों में भी हैं। इसकी जांच के लिए हम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। जल्द ही विदेशों में बैठे गुर्गों को भी पकड़ लिया जाएगा। आरोपी माफिया के ड्रग सिंडिकेट ने पिछले 3 वर्षों में स्यूडोएफेड्रिन ड्रग्स की 45 खेप विभिन्न देशों में भेजी है। स्यूडोएफेड्रिन ड्रग्स का उपयोग मेथामफेटामाइन के निर्माण में किया जाता है, जो एक खतरनाक ड्रग्स है। मौजूदा वक्त में इसकी काफी मांग है। मामले की छानबीन जारी है। जांच में लगभग दो हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स तस्करी की बात सामने आ रही है। कुल 3500 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन ड्रग्स विदेश भेजने की जानकारी मिली है।