दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी, निर्माण भवन के बाहर वैकल्पिक ओपीडी सेवाएं दीं

नई दिल्ली। कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में हड़ताल के आठवें दिन भी जारी रहने के कारण डॉक्टरों ने सोमवार को निर्माण भवन के बाहर वैकल्पिक बाह्य रोगी सेवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया है।

एम्स आरडीए के एक बयान के अनुसार, रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को निर्माण भवन के बाहर मरीजों को मेडिसिन, सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र रोग और हड्डी रोग सहित लगभग 36 विशेषताओं में वैकल्पिक ओपीडी सेवाएं प्रदान करने के लिए उपलब्ध रहेंगे।

हालांकि, अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।

कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को एक सप्ताह पूरा कर गई और अब यह अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर रही है, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रविवार देर शाम रेजिडेंट डॉक्टरों ने घोषणा की कि उनकी हड़ताल जारी रहेगी। आरडीए के एक बयान के अनुसार, डॉक्टर सुबह 11 बजे निर्माण भवन के लिए रवाना होंगे।

सफदरजंग अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि चिकित्सकों के लिए केंद्रीय संरक्षण अधिनियम लाने के बारे में सरकार की ओर से ठोस प्रतिक्रिया से कुछ राहत मिल सकती थी।

डॉक्टर ने कहा, हालांकि, सात दिन बीत जाने के बाद भी हम इंतजार कर रहे हैं। जैसा कि पहले कहा गया है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हड़ताल अनिश्चित काल तक जारी रहेगी।

यहां 12 अगस्त की शाम को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। शुरुआत में यह प्रदर्शन मेडिकल कॉलेज परिसरों तक सीमित रहा, लेकिन शुक्रवार से डॉक्टरों ने सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया।

केंद्रीय कानून के लिए 15 अगस्त को गठित एक्शन कमेटी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सदस्य शामिल हैं।