मध्यप्रदेश : फर्जी निकला गैंगरेप का मामला, झूठी रिपोर्ट दर्ज करने वाली महिला को हुई 10 साल की सजा

मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिला अदालत ने गैंगरेप के झूठे मामले में रिपोर्ट दर्ज करने वाली महिला और उसके साथी को 10 साल की सजा सुनाई हैं। मामला 2014 का है। महिला की मेडिकल जांच में शारीरिक संबंध बनाने की पुष्टि हुई थी। आरोपियों के डीएनए से महिला के सैंपल का मिलान नहीं हुआ। डीएनए टेस्ट के बाद गैंगरेप का सच सामने आया था। आरोपियों पर 2-2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

46 वर्षीय महिला ने पुलिस में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 376(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया था। 2014 में उसने चार लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था। इन चारों का महिला और उसके दामाद से झगड़ा होता था। पुलिस ने उस समय चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। जांच-पड़ताल के बाद आरोपियों की गुजारिश पर पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराया था। रिपोर्ट में सामने आया कि महिला से मिले सैम्पल्स में आरोपियों का डीएनए मैच नहीं हुआ है।

रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि महिला और उसके दामाद के बीच शारीरिक संबंध थे। दामाद गोपाल रजक ने भी अपनी सास से रिश्ते होने की बात कबूल की थी। पुलिस ने गोपाल और एक अन्य व्यक्ति का डीएनए टेस्ट कराया। उसके बाद महिला और उस अन्य व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया। अशोकनगर कोर्ट ने बुधवार को दोनों आरोपियों को 10 साल की सजा सुनाई।