नई दिल्ली। क्रू मेंबर्स (चालक दल) के उपलब्ध न होने के अलावा कई अन्य कारणों से विस्तारा की अलग-अलग फ्लाइट में हो रही देरी को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कंपनी को एक आदेश दिया है। इसके तहत अब एयरलाइन कंपनी को रद्द और लेट होने वाली उड़ानों को लेकर डीजीसीए को रोज विस्तार से जानकारी देनी होगी।
टाटा ग्रुप की ओर से संचालित विस्तारा एयरलाइंस की पिछले एक हफ्ते में करीब 100 फ्लाइट या तो रद्द हुईं या देरी से उड़ी हैं। सोमवार को ही 50 से ज़्यादा फ्लाइट प्रभावित रहीं। विस्तारा का कहना है कि पायलट और कैबिन क्रू की कमी के चलते ये संकट है। स्थिति यही रही तो आने वाले मंगलवार और बुधवार को भी करीब 80 फ्लाइट कैंसिल या देरी से उड़ान भर सकती हैं। फिलहाल एविएशन मंत्रालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए विस्तारा से विस्तृत जवाब मांगा है।
विस्तारा को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि सीएआर सेक्शन-3, सीरीज एम, पार्ट-IV के प्रासंगिक प्रावधानों बोर्डिंग से इनकार, उड़ान रद्द होने और उड़ानों में देरी के कारण एयरलाइंस की ओर से यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का अनुपालन किया जाता है या नहीं। जैसे पहले से सूचना, यात्रियों को रिफंड का विकल्प, मुआवजा (यदि लागू हो) आदि। मौजूदा स्थिति को देखते हुए डीजीसीए अधिकारी भी सीएआर के इन नियमों का पालन कराने और यात्री असुविधा को कम करने के लिए स्थिति की निगरानी करेंगे।
दरअसल, टाटा ने एयर इंडिया को पिछले साल खरीद लिया था। अब एयर इंडिया में एयर विस्तारा के विलय की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में इसे मौजूदा संकट के लिए बड़ा कारण माना जा रहा है। विस्तारा एयरलाइन के कर्मचारियों में इस बात को लेकर चिंता है कि मर्जर के बाद उनकी सैलरी में कटौती हो सकती है। ऐसी स्थिति में चालक दल की अनुपलब्धता विमानों के देर होने और रद्द होने का कारण बनी है। पिछले 2-3 दिन से संकट और गहरा गया है।