उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के विभिन्न इलाकों में डेंगू का कहर जारी, रोज हो रहीं मौतें

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में डेंगू व अन्य घातक वायरल बुखारों का कहर लगातार जारी है। उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप थम नहीं रहा। यहां 24 घंटे में 9 मरीजों की मौत हो गई। वहीं आगरा में डेंगू से रविवार को 1 मरीज की मौत हो गई। आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों में से 16 में डेंगू की पुष्टि हुई है। उधर, पिछले 24 घंटे के दौरान फिरोजाबाद में 8 माह के बच्चे और किशोरी समेत 4 मरीजों की मौत हो गई। जिले के सरकारी अस्पताल में रविवार को बुखार के 71 मरीज भर्ती कराए गए। कासगंज में एक किशोरी और एक युवती की मौत हो गई। मैनपुरी में बुखार से पीड़ित एक बच्ची ने दम तोड़ दिया। जिले में अब तक 74 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।

मथुरा में डेंगू के 20 नए केस निकले हैं, जबकि बुखार पीड़ित एक बालक की मौत हो गई। मथुरा जिले में बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तर्ज पर काम शुरू कर दिया है। गांव-गांव निगरानी समितियां सक्रिय कर दी गई हैं। डेंगू की पुष्टि होने वाले मरीज के स्वस्थ होने के बाद भी एक सप्ताह तक हालचाल लिया जा रहा है। जिले में सरकारी रिकार्ड में 385 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। अब तक बुखार से 16 मरीजों की ही मौत हो चुकी है। राज्य के उमरिया और अनूपपुर को छोड़ सभी जिलों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं।

औसतन 125 मरीज मिल रहे

उधर, मध्य प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर दिन औसतन 125 मरीज मिल रहे हैं। जनवरी से अब तक यहां 20 हजार सैंपल की जांच में 3900 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इनमें 2200 से अधिक मरीज सिर्फ सितंबर में मिले हैं।

बुखार के तीसरे दिन प्लाज्मा हो रहा लीक

डेंगू का डी-2 स्ट्रेन घातक साबित हो रहा है। आगरा के एसएन मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डानीरज यादव ने बताया कि 14 अगस्त से अभी तक 70 से अधिक बुखार से पीड़ित बच्चे भर्ती हुए हैं। ब्लड में 45% रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिका) होती हैं, 55% प्लाज्मा होता है। डेंगू से पीड़ित मरीज में तीसरे दिन से खून की नलिकाओं से प्लाज्मा लीक होने लगता है। यह चौथे से छठे दिन तक सबसे अधिक होता है, इससे शरीर पर सूजन आ जाती है। ब्लड वाल्यूम कम हो जाता है। खून गाढ़ा होने लगता है और हीमोग्लोबिन का स्तर 12 से बढ़कर 17 से 18 तक पहुंच जाता है। इस दौरान उल्टी होना और शरीर में तरल पदार्थ की कमी होना घातक साबित हो सकता है। इसलिए डेंगू के मरीज में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।