रोक के बावजूद दिवाली पर दिल्ली में हुई आतिशबाजी, बढ़ा प्रदूषण, कई इलाकों में AQI 999 तक पहुंचा

सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेश के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में दिवाली की रात आतिशबाजी हुई। इसका नतीजा ये हुआ कि पहले से ही खराब दिल्ली की हवा गंभीर स्थिति में पहुंच गई। दिल्ली में दिवाली की रात हुई आतिशबाजी के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली के कई इलाकों में AQI 999 तक पहुंच गया। पूरी दिल्ली रात के वक्त दिवाली के पटाखों के प्रदूषण की चादर में लिपटी रही। पिछले हफ्ते कोरोना की समीक्षा बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने 30 नवंबर तक पटाखे पर बैन लगाने का ऐलान किया था। बहरहाल, दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अक्षरधाम मंदिर में दिवाली पूजन करने से पहले भी अपील की थी कि पटाखे न फोड़ें क्योंकि इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है और इसकी वजह से कोरोना मरीजों के लिए दिक्कतें बढ़ जाती हैं। मगर एनजीटी की पाबंदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपील के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में आतिशाबाजी देखने को मिली और नतीजा ये हुआ कि पॉल्यूशन का स्तर गंभीर स्थिति में जा पहुंचा। दिल्ली में प्रदूषण के चलते धुंध नजर आ रही है।

प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आधी रात में सदर बाजार इलाके में पानी का छिड़काव किया। नॉर्थ दिल्ली के मेयर जयप्रकाश हॉट स्पॉट एरिया में फॉगिंग कराते नजर आए ताकि बढ़े हुए प्रदूषण को कम किया जा सके।

दिल्ली में तड़के चार बजे दर्ज किए AQI में गंभीर स्थिति देखने को मिली। आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 572, मंदिर मार्ग इलाके में 785, पंजाबी बाग में 544, द्वारका सेक्टर 18बी में 500, सोनिया विहार में 462, अमेरिकी दूतावास के आसपास 610, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेज स्टडीज के आसपास 999, जगांगीरपुरी में 773, सत्यवती कॉलेज में 818 और बवाना इलाके में 623 दर्ज किया गया।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर 9 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर की मध्य रात्रि तक रोक लगा दी थी। रोक लगाते हुए एनजीटी ने कहा था, 'पटाखे उत्सव और खुशी के लिए जलाए जाते हैं लेकिन मौतों और बीमारियों का जश्न मनाने के लिए नहीं फोड़े जाते।'

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार 2017 में, दिवाली पर दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI (19 अक्टूबर) 319 पर रहा। हालांकि यह अगले दिन 'गंभीर' स्थिति में पहुंच गया।

2018 में दिवाली पर 24 घंटे की औसत AQI (281) 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई थी। यह अगले दिन 390 तक पहुंच गई। उसके बाद लगातार तीन दिनों तक गंभीर श्रेणी में रही।

दिल्ली में पिछले साल (27 अक्टूबर 2019) दिवाली पर औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 337 दर्ज किया गया था। अगले दो दिनों में यह 368 और 400 दर्ज किया गया। इसके बाद, प्रदूषण का स्तर तीन दिनों तक 'गंभीर' श्रेणी में रहा।

प्रदूषण का लेवल

0 और 50 के बीच AQI को 'अच्छा'
51 और 100 के बीच 'संतोषजनक'
101 और 200 के बीच 'मध्यम'
201 और 300 के बीच 'खराब'
301 और 400 के बीच 'बेहद खराब'
401 से 500 के बीच 'गंभीर'

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिवाली तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में ही बने रहने की आशंका जताई थी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई है।