देश की राजधानी दिल्ली पर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली पुलिस ने एडवायजरी जारी की है कि दो संदिग्ध आतंकियों के दिल्ली में मौजूद होने की आशंका है। पुलिस ने इन दो संदिग्धों की तस्वीर भी जारी की है। पहाड़गंज समेत कई इलाकों में संदिग्ध आतंकियों के पोस्टर लगाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने जो पोस्टर जारी किए हैं उसमें दोनों आतंकियों की दाढ़ी है और ये एक मील के पत्थर का सहारा लेकर खड़े हैं। मील के पत्थर पर उर्दू में लिखा है- दिल्ली 360 किलोमीटर फिरोजपुर 9 किलोमीटर। दोनों आतंकवादियों की उम्र लगभग 25 से 30 साल के बीच है। सूत्रों के मुताबिक ये तस्वीर पाकिस्तान बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ ली गयी है। दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि इन संदिग्धों में से कोई भी दिखाई दे तो पहाड़गंज पुलिस थाने के फोन नंबर 011-23520787 या 011-2352474 पर सूचना दें। दिल्ली पुलिस के अनुसार यह दोनों आतंकी जैश ए मोहम्मद के हैं।
दिल्ली पुलिस के पोस्टर में इन दोनों के बारे में सूचना देने की अपील की गई है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि आम जन सतर्क रहें और यदि उन्हें संदेह हो तो वह पुलिस को जानकारी दें।
आतंकी पहाड़गंज में छुपे हुए हैपिछले दिनों ही खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि छह- सात आतंकी पंजाब के फिरोजपुर से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके बाद अमृतसर में निरंकारी भवन में हमला हो गया। अब दिल्ली में दो आतंकियों के पोस्टर जारी होने से पुलिस की नींद उड़ी हुई है। पुलिस को शक है की ये आतंकी पहाड़गंज जैसे भीड़ भाड़ वाले इलाके में छुपे हो सकते हैं जहां बड़ी संख्या में होटल भी हैं।
अमृतसर हमले का मास्टरमाइंड है गोपाल सिंह चावलाअमृतसर में निरंकारी भवन पर हमले को तीन दिन हो चुके हैं। लेकिन गुनहगार अब तक गिरफ्त से दूर हैं। पंजाब पुलिस इस मामले में कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस की कोशिश चश्मदीदों के आधार पर आतंकियों के स्कैच जारी करने की है। खुफिया सूत्र बताते हैं कि अमृतसर हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में ही रहने वाला गोपाल सिंह चावला है।
हाफिज सईद का करीबी हैचावला आतंकी सरगना हाफिज सईद का करीबी है और वो उसके इशारे पर ही काम करता है। चावला हाफिज सईद को अपने गुरु की तरह मानता है। उसके इशारे पर कुछ भी करने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में हमले के पीछे पाकिस्तान की साजिश ही दिख रही है। क्योंकि जो ग्रेनेड फेंका गया वो पाकिस्तानी फौज इस्तेमाल करती है।