दिल्ली में ऑड-ईवन का आज आखिरी दिन, केजरीवाल सरकार ले सकती है ये अहम फैसला

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़तें स्तर को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू की थी और इसके अनुसार शुक्रवार को यह योजना का आखिरी दिन है। हालांकि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इस योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके संकेत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिए थे। उन्होंने कहा था कि जरूरत पड़ने पर ऑड-ईवन को आगे बढ़ाया जा सकता है। आज भी राजधानी दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। द्वारका इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 700 के पार दर्ज किया गया है। ऑड-ईवन योजना की समय सीमा को आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं, इसे लेकर दिल्ली सरकार आज फैसला ले सकती है।

बता दे, दिल्ली-NCR में आज भी प्रदूषण से बुरा हाल है। दिल्ली के कई इलाक़ों में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 700 के पार चला गया है। द्वारका में तो AQI 900 के पार है। 10 सबसे प्रदूषित इलाक़ों में 9 दिल्ली के हैं। नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और गुरुग्राम में भी हालात ऐसे ही हैं। दिल्ली-NCR के स्कूल आज भी प्रदूषण की वजह से बंद हैं। दिल्ली के द्वारका, पूसा रोड, रोहिणी, सत्यवती कॉलेज जैसे इलाकों में सबसे ज़्यादा प्रदूषण का स्तर मापा गया है।

इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि मुझे लोगों की सेहत की चिंता है और देश की राजधानी दिल्ली की जो इमेज बन रही है, उसकी भी चिंता है। अगर दिल्ली में इतना स्मोक होगा, तो क्या इमेज बनेगी।'

केजरीवाल ने कहा, 'हम सब देख रहे हैं कि दिल्ली में प्रदूषण 10 अक्टूबर से पराली जलने की वजह से बढ़ा। पंजाब, हरियाणा में बारिश की वजह से दिल्ली में धुआं कम हो गया था, लेकिन बारिश थमते ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। अभी भी पराली जलाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त के आदेश को नहीं माना जा रहा है।'

केजरीवाल ने आगे कहा, 'पिछले कई दिनों मैं कई एक्सपर्ट से मिला। पराली को CNG में कन्वर्ट कर सकते हैं। करनाल में एक प्रोजेक्ट का फाउंडेशन रखा गया है। आखिर क्यों पंजाब और हरियाणा इसे प्रमोट नहीं करती है।'

बता दे, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता 'सफर' का कहना है कि नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं की गति बढ़ने से शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना है। सफर ने जानकारी दी है कि मंगलवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की केवल 480 घटनाएं दर्ज की गयीं। सफर ने बताया,‘अफगानिस्तान और पड़ोसी इलाकों के ऊपर चक्रवाती तूफान के कारण नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है। अगले दो दिन में इसका असर उत्तर पश्चिमी भारत पर पड़ेगा और इससे शुक्रवार तक हवा की रफ्तार बढ़ेगी।' सफर ने कहा है कि हवा की ‘बहुत खराब' श्रेणी में 16 नवंबर तक ही सुधार होने की संभावना है। गौरतलब है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोग पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और मौसम के खराब हालात के कारण साफ हवा को तरस गए। इसके चलते प्रदूषण स्तर पिछले 15 दिनों में तीसरी बार 'आपात' स्थिति में पहुंच गया।

वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर

- 0-50 के बीच ‘अच्छा’
- 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’
- 101-200 के बीच ‘मध्यम’
- 01-300 के बीच ‘खराब’
- 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब
- 401-500 के बीच ‘गंभीर’
- 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’