दिल्ली में AQI पहुंचा 500, इमरजेंसी तक पहुंचने की आशंका, नोएडा-फरीदाबाद में भी बुरे हालात

दिल्ली-एनसीआर में सरकार द्वारा प्रदूषण कम होने के जितने भी दावे किए जा रहे है वह सब खोखले निकल रहे है। ऑड-इवन (Odd-Even) हो, पराली जलाने पर रोक या फिर निर्माण को बंद करना सभी कोशिशें अब नाकाम होती नजर आ रही हैं। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। यहां वायु प्रदूषण गंभीर से गंभीरतम या आपातकाल की स्थिति में पहुंच गया है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो ऐसा हुआ है पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने, तापमान में आई कमी और धीमी गति से चल रही हवा के कारण। दिल्ली-NCR की हवा, प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति है। यानी हम सांसों के साथ लगातार अपने फेफड़ों में जहर घोल रहे हैं। बुधवार को दिल्ली के लोधी रोड पर पीएम 2.5 एयर क्वालिटी इंडेक्स में 500 का स्तर छू गया। यह बेहद गंभीर स्थिति है। वहीं मौसम विभाग (IMD) के अनुसार बुधवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इमरजेंसी जोन में आ सकता है।

वायु प्रदूषण की जांच करने वाली सरकारी संस्था सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने चेतावनी दी है कि आज यानी बुधवार को दिल्ली-NCR की हवा प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति में है। भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट पर कहा कि प्रदूषण को लेकर भविष्यवाणी (हरे रंग में) बताती है कि 14 नवंबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीरतम (Severe Plus) की स्थिति में पहुंच जाएगा। यानी हवाओं में प्रदूषण की इमरजेंसी लागू है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (CPCB) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index - AQI) मंगलवार को शाम 4 बजे 425 और रात 9 बजे 437 था। जबकि, सोमवार को 4 बजे यह 360 था। पीएम-2.5 की मात्रा 337 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया है। पीएम-2.5 यानी प्रदूषण तत्वों के वो सबसे छोटे कण यानी वो पर्टिकुलेट मैटर जो 2.5 माइक्रोन व्यास से भी छोटे होते हैं, ये आसानी से आपके फेफड़े और खून में मिल सकते हैं।

यह एक आपातकालीन स्थिति है। जबकि पीएम-2.5 को 300 है। जबकि सुरक्षित स्तर 0-60 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर। वहीं, PM-10 को 100 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए जो अब पांच गुना ज्यादा बढ़कर 484 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर हो गया है। दिल्ली के सभी 37 वायु गुणवत्ता जांच केंद्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में मापी गई है।

दिल्ली के साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हाल काफी खराब हैं। नोएडा के सेक्टर-62 में एक्यूआई 472 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, ग्रेटर नोएडा में यह स्तर 458 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 1500 के स्तर को पर कर गया था।

भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री सेल्सियस था। यानी इस सीजन में अब तक का सबसे कम तापमान। यह इस समय के हिसाब से सामान्य न्यूनतम तापमान से करीब 2 डिग्री नीचे है। इसके अलावा हवा की गति में आई कमी और कम तापमान ने हवाओं को ठंडा और घना बना दिया है। इसकी वजह से प्रदूषण के तत्व एक ही जगह पर जमा हो रहे हैं।

पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर ने फरीदाबाद को भी चपेट में ले लिया है। फरीदाबाद के सेक्टर-16 और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर 441 रिकॉर्ड किया गया जो गंभीर स्थिति है। वहीं हरियाणा और पंजाब के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लग रही है, लगातार जलाई जा रही पराली के चलते प्रदूषण का स्तर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।

दिल्ली-NCR के किस इलाके में कितना प्रदूषण?

इलाका AQI

वजीरपुर 465

बवाना 464

रोहिणी 454

मुंडका 458

आनंद विहार 458

फरीदाबाद 413

गुड़गांव 415

गाजियाबाद 461

ग्रेटर नोएडा 444

नोएडा 453

वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर


- 0-50 के बीच ‘अच्छा’
- 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’
- 101-200 के बीच ‘मध्यम’
- 01-300 के बीच ‘खराब’
- 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब
- 401-500 के बीच ‘गंभीर’
- 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’