दिल्ली हाई कोर्ट का गैंगरेप पर बनी फिल्म पर रोक लगाने से इंकार, 10 मार्च से हो रही है स्ट्रीम

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को 13 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार पर आधारित ऑस्कर-नामांकित नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री 'टू किल ए टाइगर' की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, और कहा कि यह पहले से 10 मार्च से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर चल रही है। फिल्म में रेप पीड़िता नाबालिग की पहचान का खुलासा करने का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता ने इस पर बैन लगाने की मांग की थी।

कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने हालांकि तुलिर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका को लेकर डॉक्यूमेंट्री बनाने वालों को नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख 8 अक्टूबर तय की। कोर्ट ने आदेश में कहा, 'प्रतिवादी संख्या 5 (नेटफ्लिक्स) के वकील ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री 10 मार्च को जारी की गई है। इसलिए इस अदालत का विचार है कि इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है।'

ट्रस्ट ने अपनी याचिका में डॉक्यूमेंट्री की निर्देशक निशा पाहुजा और नेटफ्लिक्स के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉस्को) के प्रावधान का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की मांग की थी, जिसमें कहा गया था कि फिल्म में नाबालिग की पहचान का खुलासा किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि नाबालिग की सहमति न केवल गलत थी, बल्कि यह सशर्त भी थी क्योंकि निर्देशक ने डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग तब शुरू की थी, जब वह नाबालिग थी और 3.5 साल की शूटिंग के बाद ही उसकी सहमति ली गई जब वह वयस्क हो गई।

जवाब में नेटफ्लिक्स के वकील ने कहा कि फिल्मांकन के समय ओटीटी प्लेटफॉर्म ने उसके माता-पिता की सहमति ली थी और डॉक्यूमेंट्री प्रकाशित होने के समय पीड़िता बच्ची नहीं थी। वकील ने आगे बताया कि डॉक्यूमेंट्री 10 मार्च, 2024 को रिलीज़ हुई थी और तब से ट्रस्ट को इसके बारे में जानकारी थी।