दिल्ली सरकार ने उठाया ये कदम, अब सिर्फ एक घंटे में मिल जाएगा 'ड्राइविंग लाइसेंस'

ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) बनवाने वालों के लिए खुशखबरी, दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार आरटीओ ऑफिस में लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों की बढ़ती भीड़ को देखकर लाइसेंस बनाने के लिए नया ब्लू प्रिंट तैयार कर रही है। इस ब्लू प्रिंट को लागू करने के बाद मात्र एक घंटे के भीतर ड्राइविंग लाइसेंस बनकर आपके हाथ में होगा। इस नए ब्लू प्रिंट के तहत कुछ समय बाद ट्रांसपोर्ट ऑफिस में काम कराना आसान हो जाएगा। इस व्यवस्था के तहत एमएलओ ऑफिस में जल्द ही टोकन सिस्टम लागू किया जाएगा। लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको हेल्प डेस्क से टोकन लेना होगा। इसके बाद बताएं गए काउंटर पर पहुंचना होगा। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टच स्क्रीन पर टेस्ट होगा।

फिलहाल अभी दिल्ली में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कंप्यूटर पर 10 मिनट का टेस्ट होता है। लेकिन कई बार आवेदन करने वालों को कंप्यूटर चलाना नहीं आता, जिसके चलते वे टेस्ट पास नहीं कर पाते। इसी को देखते हुए एटीएम जैसे टचस्क्रीन कियोस्क पर टेस्ट लेने की योजना तैयार की गई है। मौजूदा समय में दिल्ली में हर साल करीब 5 लाख लर्निंग लाइसेंस तैयार किए जाते हैं।

इस नए ब्लू प्रिंट के अनुसार टच स्क्रीन कियोस्क के माध्यम से लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट होगा। टोकन लेने के बाद एमएलओ ऑफिस में लगी बड़ी-बड़ी टीवी स्क्रीन पर आपको वेटिंग टाइम दिखाई देगा। तय समय पर आप संबंधित काउंटर पर पहुंचेंगे तो जैसे आप एटीएम यूज करते हैं, उसी तरह टच स्क्रीन वाली मशीन पर ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद आपको हाथों हाथ ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगा।

पंजाबी और उर्दू भाषा में भी होंगे टेस्ट

लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट हिंदी या अंग्रेजी में होता था, लेकिन अब इसमें पंजाबी और उर्दू भाषा भी जोड़ी जा रही है। इस टेस्ट में हर सवाल के उत्तर के चार विकल्प दिए होते हैं, जिसमें से आपको सही विकल्प पर टच करना होता है। किसी विकल्प पर टच करने के बाद फौरन ही स्क्रीन पर सही या गलत उत्तर की मैसेज आ जाता है। टेस्ट पास करने वालों को हाथों हाथ लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। आपको बता दें फिलहाल एमएलओ ऑफिस में लाइसेंस और आरसी से जुड़े काम दिल्ली इंटीग्रेटिड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) संभालती है। आने वाले समय में ये सभी काम नई एजेंसी को देने की तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि टेंडर पूरा होने के बाद अप्रैल से नया सिस्टम लागू हो सकता है।