दीवाली ( Diwali ) से ठीक पहले दिल्ली ( Delhi Pollution ) की हवा 'बेहद खराब' स्तर पर पहुंच गई है। दिल्ली के 25 इलाकों में हवा की गुणवत्ता 'काफी खराब' दर्ज की गई, जबकि आठ क्षेत्रों में यह 'खराब' रही। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इस दीवाली पर पिछले साल के मुकाबले 'कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे' जलाए जाने के बाद भी प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ सकता है। इसकी एक और वजह है कि आस-पास के राज्यों में पराली जलाए जाने वाले क्षेत्रों से लगातार हवा बहकर राजधानी की तरफ आ रही है। वही दिल्ली के बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरा हुसैन ने मंगलवार को दिल्लीवासियों से हरित, पटाखा-मुक्त दिवाली मनाने का आग्रह किया, क्योंकि शहर की हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' है। एक बयान में उन्होंने लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दी और वायु प्रदूषण कम करने में सहयोग करने को कहा।
उन्होंने कहा, "साल 2018 में दिल्ली के निवासियों और सरकारी एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के कारण बेहतर वायु गुणवत्ता वाले अधिक दिन देखने को मिले हैं। हालांकि, हमें दिवाली पर और उसके बाद भी अपने प्रयासों को सामूहिक रूप से जारी रखने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, "मैं वायु प्रदूषण में योगदान देने वाले सभी संबंधित लोगों से इसे कम करने अपील करता हूं। पटाखा-मुक्त दिवाली का जश्न एक ऐसा ही कदम है, और मुझे आशा है कि दिल्ली के निवासी अपना सकारात्मक योगदान जारी रखेंगे।"
15-20 सिगरेट पीने बराबर है दिल्ली की हवा में एक दिन सांस लेनापिछले तीन सप्ताह में दिल्ली की वायु गुणवत्ता काफी खराब हो गई है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को इस मौसम की सबसे खराब दर्ज की गई। शहर में प्रदूषण तय स्तर से आठ गुना ज्यादा दर्ज किया गया। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण का लोगों की सेहत पर असर एक दिन में 15-20 सिगरेट पीने के बराबर है।
इस बीच प्रदूषण की निगरानी करने वाली संस्था सीपीसीबी ने दीवाली के बाद 8 से 10 नवंबर तक दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की है। सीपीसीबी के अधिकारी ने कहा कि इन वाहनों से होने वाले भारी प्रदूषण के मद्देनजर यह सिफारिश की गई है। सीपीसीबी ने लोगों से डीजल की निजी कारों के इस्तेमाल से परहेज की भी अपील की है।