मोदी जी का फैन हूं, पर किसान हमारी बैकबोन, US रिटर्न जुड़वा भाई ऐसे कर रहे है किसानों की मदद

नए किसान कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का आज यानि रविवार को 18वां दिन है। किसान कानून वापसी के अलावा किसी भी तरह के संशोधन के लिए तैयार है। इसी को लेकर किसान आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो वे सोमवार को भूख हड़ताल करेंगे। दिल्‍ली से सटी सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान ठंड में भी सड़कों पर डटे हुए हैं। इस बीच उनकी मदद करने के लिए पंजाब समेत अन्‍य जगहों से भी लोग सामने आ रहे हैं। इन लोगों में अमेरिका से लौटे पंजाब के रहने वाले दो जुड़वा भाई भी हैं। ये दोनों दिल्‍ली-यूपी सीमा पर गाजीपुर में डटे किसानों को ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े बांट रहे हैं।

ये जुड़वा भाई हाल ही में अमेरिका से लौटे हैं। यहां आकर उन्‍होंने किसानों की मदद करने का फैसला लिया और उनके बीच पहुंच गए। भाइयों में से एक का कहना है, 'लुधियाना में पैदा हुआ हूं पर अभी अमेरिका में रहता हूं। थोड़ा सा भी किसानों के इस संघर्ष में हम कुछ सहयोग कर सकें, ये हमारी कोशिश है।'

उनका कहना है, 'मोदी जी का फैन हूं, अपना झंडा लेकर चलता हूं पर पता है किसान हमारी रीढ़ की हड्डी है। मोदी जी हमारे पिता समान हैं पर एक दिन पता चल जाएगा। देश-विदेश में रहने वाले सभी इंडियन हैं। सबको अपनी बात रखने का हक है। समय लगता है, संघर्ष खत्म हो जाएगा।'

भाइयों का कहना है कि उन्‍होंने गाजीपुर बार्डर को इसलिए चुना ताकि वे किसानों की मदद कर सकें। उनका कहना है, 'हम बुधवार को फिर आएंगे बांटने, हम सब अपनी कमाई का थोड़ा थोड़ा हिस्सा डाल रहे क्योंकि खाना तो सभी खाते है, जितना होगा उतना करेंगे अपने किसानों के लिए।

इस बीच, किसान नेता गुरनाम सिंह ने शनिवार को बताया था कि किसानों की पंजाब से आने वाली कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक लिया है। हम लोग सरकार से अपील करते हैं कि वो किसानों को दिल्ली पहुंचने दें। अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगे नहीं मानती है, तो हम गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस से भूख हड़ताल भी शुरू करेंगे।

सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की

उधर, किसान नेता कमलप्रीत सिंह ने कहा रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सब फेल कर दिया। कमलप्रीत ने कहा कि सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की। जीत मिलने तक हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर आएंगे और भूख हड़ताल करेंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। हम किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।