अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी से दिया इस्तीफा, ट्विटर पर अरविंद केजरीवाल को दी ये चुनौती

दिल्ली के चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा (Alka Lamba) ने आज आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पिछले काफी दिनों से इस बात की चर्चा चल रही थी कि वो पार्टी छोड़ सकती हैं। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी। इसके बाद चर्चाओं और अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। अलका लांबा ने पार्टी छोड़ने की घोषणा ट्वीट कर दी है। अलका लांबा ने ट्विटर पर लिखा, 'आम आदमी पार्टी को गुड बाय कहने का समय आ गया है। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।'

बाद में एक और ट्वीट कर अलका लांबा ने लिखा, अरविंद केजरीवाल जी, आपके प्रवक्ताओं ने मुझे आपकी इच्छा के अनुसार पूरे अहंकार के साथ कहा कि पार्टी ट्विटर पर भी मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लेगी। इसलिए कृपया आम आदमी पार्टी, जो अब ख़ास आम आदमी पार्टी बन चुकी है, की प्राथमिक सदस्यता से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।

अलका लांबा की आम आदमी पार्टी छोड़ने की घोषणा बिल्कुल भी चौकाने वाली नहीं है। इसको लेकर पिछले काफी दिनों से अटकलों का बाजार गर्म था। साथ ही उन्होंने काफी पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे 2020 का दिल्ली विधानसभा चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ेंगी। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से उनकी नाराजगी के चर्चे हर तरफ हो रहे थे। 43 वर्षीय अलका लांबा ने मंगलवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर उनसे चर्चा हुई।

बता दें कि अलका लांबा ने गत मंगलवार को अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। सोनिया गांधी के आवास पर हुई इस मुलाकात के बाद अगले साल की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले लांबा के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।

2013 में आम आदमी पार्टी जॉइन करने से पहले अलका लांबा 20 साल तक कांग्रेस में रहीं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल की जबावदेही तय करने की मांग की थी। इसके बाद पार्टी के विधायकों ने उन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से बाहर कर दिया। इसके अलावा उन्होंने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने से भी मना कर दिया था।

लांबा पिछले कई महीनों से आम आदमी पार्टी के साथ विभिन्न मुद्दों पर भिड़ती नजर आ रही थीं। अगस्त की शुरुआत में लांबा ने कहा था कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है और वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी।

इसके बाद AAP ने भी कहा था कि वह उनका इस्तीफा स्वीकार करने के लिए तैयार है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लांबा ने AAP की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जवाबदेही मांगी थी, जिसके बाद उन्हें AAP सदस्यों के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया था।

वह पार्टी के लोकसभा अभियान में भी शामिल नहीं हुई थीं। बहरहाल, अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनावों में अप्रत्याशित जीत दर्ज करते हुए 70 में से 67 सीटें जीती थीं। वहीं 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली पर शासन करने वाली कांग्रेस इस चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल पाई।