देश की राजधानी में रविवार को भी वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब बनी रही। प्राधिकरणों के मुताबिक अभी भी दिल्ली की हवा का स्तर खराब है। हरियाणा और पंजाब से आने वाले धुएं के प्रदूषण के कारण यह आने वाले दिनों में और खराब हो सकती है। प्रदूषण से निपटने के लिए सीपीसीबी ने इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू करने की घोषणा कर दी है। डीजल जनरेटर भी बैन हो सकते हैं। हालांकि शनिवार के मुकाबले वायु गुणवत्ता की स्थिति में हल्का सुधार दर्ज हुआ।
सेंटर-रन सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक रविवार को सुबह 10 बजे राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 201 दर्ज हुआ, जो वायु गुणवत्ता सारणी के मुताबिक खराब श्रेणी में आता है। शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई 300 दर्ज हुआ था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक आनंद विहार में एक्यूआई 249, डीटीयू में 209, आईटीओ पर 199 और जहांगीरपुरी में 302 दर्ज हुआ। इन आंकड़ों के मुताबिक भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में आती है।
प्राधिकरणों के मुताबिक दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता का स्थिति खराब दर्ज हुई। रविवार को दिल्ली में प्रदूषण के पैमाने पर पीएम-10 का औसतन स्तर 180 जबकि पीएम 2.5 स्तर 150 दर्ज हुआ।
वायु गुणवत्ता और खराब होने की आशंका- नासा की ओर से ली गई तस्वीरों के मुताबिक हरियाणा और पंजाब में पिछले 10 दिनों में जलाई गई पराली से धुएं का स्तर भी काफी बढ़ गया है।
- इसके कारण अमृतसर, अंबाला, करनाल, सिरसा और हिसार की भी वायु गुणवत्ता काफी प्रभावित हुई।
- पंजाब और हरियाणा की ओर से आने वाली हवाओं के प्रभाव से दिल्ली की वायु गुणवत्ता के और खराब होने के आशंका जताई जा रही है।
सीबीसीबी ने इसी के मद्देनजर प्रदूषण से निपटने के लिए सोमवार से इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू करने की बात कही है। ताकि दिल्ली के लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
ये हैं वायु गुणवत्ता के मापदंड- एक्यूआई इंडेक्स के मुताबिक वायु गुणवत्ता का 0-50 का आंकड़ा सांस लेने के लिए बेहतर माना जाता है। 51-100 के बीच का आंकड़ा संतोषजनक, 101-200 के बीच का आंकड़ा संयमित, 201-300 के बीच का आंकड़ा खराब, 301-400 के बीच का आंकड़ा बेहद खराब और 401-500 के बीच का आंकड़ा खतरनाक की श्रेणी में आता है।