उत्तराखंड में देहरादून जिले के विकासनगर में एक स्कूली छात्रा से उसी के स्कूल के चार छात्रों द्वारा गैंगरेप का मामला सामने आया है। घटना जीआरडी वर्ल्ड स्कूल की है। गैंगरेप स्कूल परिसर में ही किया गया। चारों आरोपी छात्र 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब छात्रा ने पेट में दर्द होने की शिकायत दर्ज कराई। स्कूल प्रबंधन पर मामले को दबाने की कोशिश के आरोप भी लग रहे हैं। राजधानी के नामी बोर्डिंग स्कूल में गैंगरेप के मामले को दबाने के लिए स्कूल प्रबंधन पीड़ित छात्रा की जान से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूका। जिन दवाओं को महिलाओं को देने से भी मना किया जाता है, प्रबंधन ने गर्भपात के लिए वही दवाएं छात्रा को दिलवाईं। स्त्री रोग विषेशज्ञों के अनुसार इन दवाओं से महज 15 साल की इस छात्रा को जान का खतरा भी हो सकता है। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट आ गई है और उसके चार सप्ताह के गर्भ की पुष्टि हो चुकी है।
पुलिस ने बताया कि 10वीं में पढ़ रही पीड़ित छात्रा 15 वर्ष की है। यह बताया जा रहा है कि रेप की घटना को बीते 14 अगस्त को हुई थी। फिलहाल, जीआरडी वर्ल्ड स्कूल की डायरेक्टर और प्रिंसिपल समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार लोगों में चारों नाबालिग आरोपी छात्र भी शामिल हैं। मंगलवार को पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के 164 के बयान भी दर्ज करवा दिए है।
साहसपुर पुलिस स्टेशन के एसओ नरेश राठौड़ ने न्यूज 18 को बताया कि इस मामले में बीते सोमवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। स्कूल के निदेशक और प्राचार्य को भी गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को मंगलवार को पोस्को कोर्ट में पेश किया गया।
पीड़ित छात्रा दिल्ली की रहने वाली है। उसका आरोप है कि 14 अगस्त को उसी के स्कूल में दसवीं और 12वीं के चार छात्रों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया। उसने स्कूल प्रबंधन से इस संबंध में शिकायत भी की लेकिन इस बारे में कोई सुनवाई नहीं हुई। यह मामला बाल संरक्षण आयोग में पहुंचने के बाद आयोग ने प्रशासन व पुलिस से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की वकालत की है। आयोग की अध्यक्ष ने पूरी घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया।
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि इस घटना के लिए स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार हैं, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि स्कूल की डायरेक्टर इस पूरे मामले की कोई जानकारी न होने की बात कहते हुए खुद को बेकसूर बता रही हैं। जीआरडी स्कूल के निदेशक लता गुप्ता ने इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है।
बहरहाल, पुलिस ने इस मामले में आरोपी छात्रों के साथ साथ स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का दावा है कि स्कूल प्रबंधन ने इस मामले को दबाने के साथ-साथ साक्ष्य छुपाने का भी अपराध किया है।
खास बात यह है कि जहां अभी तक पुलिस, प्रशासन ओर बाल आयोग की टीम मामले की जांच कर रही थी। वहीं अब शिक्षा विभाग की टीम ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।