आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में राजनाथ सिंह ने किया बड़ा ऐलान, कहा - 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, देश में ही बनेंगे

आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय 101 उन रक्षा उपकरणों की सूची तैयार की है जिनके आयात पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने बताया कि यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। रक्षा मंत्री ने कहा इन उपकरणों को रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) द्वारा तैयार डिजाइन की मदद ली जाएगी। इसे तीनों सेनाओं की जरूरत के आधार पर तैयार किया जाएगा। बता दे, प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के लिए 5 स्तंभ बताए थे, जिनमें इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड के साथ स्पेशल पैकेज का ऐलान किया था। रक्षा मंत्री के मुताबिक यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर किया गया है। इस फैसले से भारत के रक्षा उद्योग को बड़े पैमाने पर उत्‍पादन का अवसर मिलेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को निगेटिव लिस्ट में शामिल आइटम्स के निर्माण का अवसर मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी स्‍टेकहोल्‍डर्स से विचार विमर्श के बाद प्रोडक्ट यानी रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाई जाएगी। अभी जो फैसले किए गए हैं, वो 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू किए जाएंगे। 101 उत्पादों की सूची में आर्मर्ड फाइटिंग व्‍हीकल्‍स (AFVs) भी शामिल हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा जिन 101 रक्षा सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है, इसके लिए फिलहाल हम कोई टाइमलाइन नहीं बता रहे हैं। यह फैसला भारत के रक्षा बाजार के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा मौका होगा। इससे हमारी डेवलपमेंट कैपेबिलिटी में भी इजाफा होगा। सामानों को आर्म्ड फोर्स की मांग और डीआरडीओ की डिजाइन के आधार पर बनाया जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे उत्पादों की तकरीबन 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्‍त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए थे। अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्‍ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट दिए जाएंगे। 4 लाख करोड़ रुपए के इन कॉन्ट्रैक्ट्स में से करीब एक लाख 30 हजार करोड़ रुपए के उपकरण सेना और एयरफोर्स को जबकि करीब एक लाख 40 हजार करोड़ के इक्विपमेंट्स नेवी को मिलेंगे। आयात पर प्रतिबंध को चार साल में लागू करने की योजना है।

बहरहाल, लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच रक्षा मंत्री के इस ऐलान को काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले, मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज सुबह 10 बजे एक महत्वपूर्ण ऐलान करेंगे और कयास लगाए जा रहे थे कि रक्षा मंत्री रक्षा आयात को लेकर निगेटिव सूची के संदर्भ में कोई ऐलान कर सकते हैं।

शनिवार को हुई थी बातचीत

भारत और चीन के बीच शनिवार को मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई थी। यह करीब 8.30 घंटे चली। माना जा रहा है कि बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और देप्सांग समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के तनाव वाले इलाकों से सेना पीछे हटाने को लेकर चर्चा हुई। चीनी सेना देप्सांग, पैंगोंग त्सो लेक और गोगरा से अब तक पीछे नहीं हटी है। भारत ने उसे फौरन इन इलाकों से पीछे हटने को कहा है।