दुनियाभर में फैला कोरोना वायरस चीन में काफी हद तक काबू में ले लिया गया है। चीन से आने वाले आकड़े तो येही कहानी बया कर रहे है। वुहान जहां इसके सबसे ज्यादा केस सामने आए थे वहां पर सोमवार को कोविड-19 संक्रमण का केवल एक मामला सामने आया है, यानि साफ है कि चीन ने इस घातक बीमारी पर काफी हद तक काबू पा लिया है। चीन (China) शुरुआत में इस वायरस के असर का सही आकलन नहीं कर पाया। वायरस का दायरा बढ़ने के साथ-साथ चीन न सिर्फ इसकी भयंकरता को समझा बल्कि इसे काबू करने में भी जुट गया। इस वैश्विक महामारी को काबू में करने के लिए चीन ने हर स्तर पर काम किया। धीरे-धीरे चीन ने संक्रमण पर काबू पा लिया।
- चीन को वुहान में फैले कोरोना वायरस की भयंकरता का जैसे ही अंदाजा लगा, उसने उसे बाकी देश से अलग कर दिया। वुहान से बाहर आने और शहर में जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई। साथ ही लोगों के घरों से निकलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सैनेटाइजर का छिड़काव कराया गया।
- चीन की कम्युनिस्ट सरकार और प्रभावित क्षेत्रों के प्रशासन ने कोरोना वायरस को लेकर ऑनलाइन या ऑफलाइन चर्चा करने पर पाबंदी लगा दी। अफवाह फैलने वालों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की। ऐसे दर्जनों लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
- स्वास्थ्य कोड नाम की प्रणाली तैयार की गई। इसमें लाल, पीले और हरे तीन रंगों के कोड उपयोग किए गए। सभी लोगों को उनकी यात्रा रिकॉर्ड के मुताबिक रंगों के कोड दिए। फिर इसी आधार पर इलाज किया गया। चीन की कई कंपनियों ने चेहरा पहचानने की प्रणाली शुरू कर दिया। इस प्रणाली की मदद से सार्वजनिक स्थल पर मास्क नहीं पहनने वालों की पहचान की गई।
- सोशल मीडिया की मदद से संक्रमित और बचाव उपायों का इस्तेमाल नहीं करने वाले लोगों की पहचान की गई। संक्रमित लोगों को इलाज के लिए और स्वस्थ लोगों को बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कई शहरों में संक्रमितों की पहचान बताने वालों को इनाम भी दिया गया।
- प्रशासन ने हर खाली और अच्छी जगह पर अस्थायी अस्पातल बनाने शुरू कर दिए। इस दौरान जिम और स्टेडियम जैसी जगहों को अस्पतालों में तब्दील कर दिया गया। स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया। मॉल्स, सिनेमा हॉल्स समेत सभी भीड़ वाली जगहों पर लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई।
- कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन ने 549 नेशनल व स्टेट हाईवे के साथ ही काउंटी और टाउनशिप सड़कों को पूरी तरह बंद कर दिया। देश के 12,000 से ज्यादा हाईवे वायरस प्रभावित इलाकों से अलग-थलग कर दिए गए थे। वहीं, प्रभावित इलाकों में 11,000 से ज्यादा केंद्र बनाए गए थे। इन केंद्रों पर वो लोग जांच करा सकते थे, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का संदेह हो।
- चीन के 28 प्रांतों ने अंतर-प्रांतीय सड़क यात्री परिवहन बंद कर दिया था। 200 से ज्यादा शहरों में सार्वजनिक परिवहन बंद कर दिया गया था। इसके अलावा रेल परिवहन पर भी पाबंदियां लगा दी गई थीं। इनमें बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू और शेनजेन जैसे शहर भी शामिल थे।
- मालवाहक वाहनों और जहाजों पर गंभीर स्थिति वाले क्षेत्रों में परिवहन प्रतिबंध लगा दिए गए। किसी भी तरह का कच्चा माल प्रभावित क्षेत्रों में भेजने और वहां से उत्पाद बाहर लाने पर रोक लगा दी। महामारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए टोल सड़कों से गुजरने वाले सभी वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी गई।
- मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर रातों-रात 1,000 बेड की क्षमता वाला हॉस्पिटल तैयार कर दिया। सिर्फ हुबेई प्रांत में ही एक दर्जन से ज्यादा अस्थायी कोरोना वायरस अस्पताल बना डाले। जैसे-जैसे वायरस पर काबू पाया गया इन अस्पतालों को बंद कर दिया गया। लोगों तक दवाइयां और खाना पहुंचाने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल किया गया।
- चीन की सख्ती का फायदा महामारी से निपटने में कारगर साबित हुआ। हालात सुधरने पर भी हर घर से केवल एक ही व्यक्ति को बाहर निकलने की अनुमति दी गई। सभी स्कूल-कॉलज बंद रखकर ऑनलाइन क्लासेस चलाई गईं। घरों में भोजन और अस्पतालों में दवाई पहुंचाने के लिए केंद्रीकृत सुविधाएं शुरू की गईं।
आपको बता दे, कोरोना वायरस (Coronavirus) से अब तक 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अब तक इस वायरस से 2,00,100 लोग संक्रमित हो चुके हैं। अकेले चीन में ही 80,994 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 69,614 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। भारत में इस वायरस के 152 मामले सामने आ चुके है। वहीं, 13 लोग इस वायरस से निजात पा चुके है।