हिमाचल : बेटी ने पिता की अर्थी को नंगे पांव कंधा देकर पहुंचाया श्मशान, निभाया इकलौती औलाद होने का फर्ज

हिमाचल के चंबा जिले के बकलोह क्षेत्र के चिलामा गांव में एक अद्भुद नजारा देखने को मिला जहां एक बेटी ने इकलौती औलाद होने का फर्ज निभाते हुए पिता की अर्थी को नंगे पांव कंधा देकर श्मशान पहुंचाया और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पिता की चिता को मुखाग्नि दी। संदली थापा के पिता सुनील थापा की बुधवार रात को बीमारी के चलते मौत हो गई। संदली थापा ने बताया कि उसके पिता ने उसे एक बेटे की तरह पाला, हरेक खुशियां प्रदान की। पिता की आखिरी इच्छा थी कि उसकी मौत के बाद बेटी ही चिता को मुखाग्नि दे, जिसे उसने पूरा किया है।

गुरुवार सुबह जब गांव के लोगों व रिश्तेदारों ने उसके पिता की अर्थी को अंतिम संस्कार के लिए श्मशानघाट ले जाना शुरू किया तो संदली कंधा देने के लिए पहुंच गई। उसने अपने पिता की चिता को कंधा देकर बेटी होने का फर्ज निभाया। इसके बाद पिता की चिता को मुखाग्नि दी। बेटी की हिम्मत, पिता के प्रति प्यार को देख पूरे इलाके में उसकी प्रशंसा हो रही है।

संदली ने कहा कि वह अपने पिता की आत्मा शांति के लिए 13 दिनों तक क्रिया में बैठेगी और अपना बेटी होने का फर्ज निभाएगी। 13 दिनों के बाद अपनी माता व परिवार के अन्य सदस्यों को साथ लेकर हरिद्वार में जाकर पिता की अस्थियां विसर्जित करेगी।