लैंसेट की रिपोर्ट में दावा : लॉकडाउन हटाने में जल्दबाजी, कोरोना संक्रमण का तूफान ला सकती है

कोरोना वायरस (Coronavirus) से आज दुनियाभर के 19,17,209 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं और 1,19,113 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है इसको रोकने के सिर्फ एक मात्र तरीका है लोगों का घरों में रहना, एक दूसरे से दूरी बनाए रखना। जिसके लिए कई देशों में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है। भारत में 21 दिनों का सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था जिसका आज आखरी दिन है हालाकि, कुछ देश ऐसे भी है जहां लॉकडाउन को पूरी तरह लागू न करके किसी राज्य या प्रांत तक ही सीमित रखा गया है। ऐसे में जिन देशों ने सम्पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया या फिर अब लॉकडाउन हटाने की बात कर रहे उन देशों को लैंसेट जर्नल की रिसर्च रिपोर्ट ने चेतावनी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक इस वायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक लॉकडाउन नहीं हटाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि बिना पूरी तैयारी किए प्रतिबंध हटाना नए सिरे से संक्रमण का तूफान ला सकता है। यह रिपोर्ट चीन के शोधकर्ताओं देश में आए मामलों के आधार पर तैयार की है।

- लैसेंट के मुताबिक, बिना लॉकडाउन वाली स्थिति में एक संक्रमित व्यक्ति औसतन तीन लोगों को संक्रमित करेगा। लॉकडाउन की वजह से इस दर में 60-70% गिरावट आ रही है।

- रिसर्च में कहा गया है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग खत्म करते हैं, तो वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कोई और उपाय करने होंगे।

- कई देशों में लॉकडाउन का प्रयोग सफल रहा है। 70% से ज्यादा तक संक्रमण को कम करने में कामयाबी मिली है।

- चीन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, लॉकडाउन हटाया तो इन्फेक्शन के लिए ज्यादा सतर्क होना पड़ेगा और वैक्सीन ना आने तक कई इलाकों को नियंत्रण में रखना होगा।

- हांगकांग के शोधकर्ताओं का मानना है कि चीन ने सख्ती से संक्रमण की पहली लहर को तो काबू में कर लिया पर अब दूसरी लहर का खतरा पैदा हो गया है। यह बड़ी चिंता है।

- डब्ल्यूएचओ का भी मानना है कि प्रतिबंधों को जल्दबाजी में हटाने के परिणाम घातक हो सकते हैं।

लॉकडाउन हटाया तो चीन ने वुहान में हाल में कोरोना के 108 नए केस आए। हुबेई प्रांत में 2 मौतें भी हुई हैं। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के डॉ एडम कुचार्सकी का कहना है कोरोना से लड़ाई लंबी चलेगी।

लॉकडाउन की वजह से भारत में फिलहाल 10 हजार केस ही सामने आए है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर भारत में लॉकडाउन नहीं लगाया होता तो यहां 8 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो जाते।