जयपुर : शातिरों ने बैंक से ही कर डाली साइबर ठगी, कंपनी का लेटरहैड-साइन चुरा खातों में डलवाए 49 लाख

आमजन साइबर ठगी से परेशान हैं जहां शातिर खातों से रूपये निकाल रहे हैं। लेकिन जब बैंक से ही धोखाधड़ी हो जाए तो। ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं राजधानी जयपुर से जहां सायबर ठगों ने जयपुर की एक नामी मोटर्स कंपनी के नाम की ई-मेल आईडी बनाई और कहीं से कंपनी का लेटर हैड व अधिकृत साइन चुराकर बैंक के पास ई-मेल भेजा। फिर मेडिकल एमरजेंसी बताते हुए 49.24 लाख रुपए की ठगी कर ली। गनीमत यह रही कि समय रहते बैंक प्रबंधन ने पुलिस को 155260 नम्बर पर सूचना दी, जिससे 28.18 लाख रुपए होल्ड करवाकर बचा लिए गए। बाकी पैसों की रिकवरी और मामले की जांच के लिए कमिश्नरेट के विशेष अपराध एवं सायबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। एडिशनल कमिश्नर अजयपाल लांबा का कहना है कि बदमाश ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। लोगों और कंपनियों को हमेशा सचेत रहना होगा। ई-मेल आईडी के पासवर्ड स्ट्रांग रखें।

बदमाशों ने 9 अक्टूबर को कमल एंड कंपनी के नाम से सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया संसारचन्द्र रोड को दो ई-मेल भेजी। इनमें बताया कि सुनील कुमार गाजियाबाद के खाते में 890728, नितिन कोरी सागर-एमपी के खाते में 949419, सानिया सिद्दीकी गुलाबगंज-बिहार के खाते में 965000, अंजना प्रवीण गुलाबगंज-बिहार में 894736, प्रति कटवार तमुखी राज-यूपी में 750000 व नीरज के खाते में 475000 रुपए आरटीजीएस करने हैं। चैक नहीं हैं और मेडिकल एमरजेंसी है इसलिए पैसे जल्दी ट्रांसफर करने हैं। बैंक कर्मचारी ने विश्वास कर पैसे ट्रांसफर कर दिए। क्योंकि ई-मेल में कंपनी का लेटर हैड व ऑथराइज्ड साइन थे।

पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि बदमाशों ने कंपनी से मिलती-जुलती फर्जी ई-मेल आईडी बनाई। लैटर हैड व अधिकृत साइन चुराकर बैंक को ई-मेल भेजा। डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि बैंक के एजीएम सोनम नैय्यर ने विशेष अपराध एवं सायबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। एसएचओ सतपाल यादव के नेतृत्व में जांच चल रही है। जिन खातों में पैसे गए, उन्हें खंगाला जा रहा है।