बिना पैसे दिए भी पार कर सकते हैं टोल प्लाजा, शायद आप नहीं जानते हैं ये नियम?

नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर रविवार 15 दिसंबर से वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि पहले एक महीने यानि कि 14 जनवरी तक हर हाईवे पर एक-चौथाई टोल बूथ पर नकद और फास्टैग दोनों से भुगतान हो सकेगा। एनएचएआई ने यात्रा को आसान बनाने के लिए देशभर के अपने 523 टोल प्लाजा पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन आधारित (RFID technology) फास्टैग से टोल टैक्स कलेक्शन शुरू कर दिया है। नई गाड़ियों में फास्टैग लगा हुआ आ रहा है।

बिना पैसे दिए टोल प्लाजा को पार कर सकते

लेकिन फास्टैग लेने के बाद भी आप बिना पैसे दिए टोल प्लाजा को पार कर सकते है। अगर टोल प्लाजा की रीडिंग मशीन आपके फास्टैग को स्कैन या रीड नहीं कर पाती तो आपको कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के नेशनल हाईवे फी डिटर्मिनेशन ऑफ रेट्स एंड कलेक्शन अमेंडमेंट रूल के मुताबिक, अगर किसी गाड़ी पर फास्टैग लगा हुआ है और उसमें बैलेंस भी है लेकिन, टोल नाके पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन इन्फ्रास्ट्रक्चर की खराबी के कारण आपके फास्टैग से पेमेंट नहीं हो पाता है तो गाड़ी को बिना किसी भुगतान के टोल प्लाजा से गुज़रने दिया जाएगा। इस तरह के ट्रांजेक्शन के लिए वीकल यूज़र को जीरो ट्रांजेक्शन रसीद दी जाएगी।

फास्टैग चार्ज करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने भीम ऐप से चार्जिंग सिस्टम शुरू किया है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने ग्राहकों को एनईटीसी फास्टैग को भीम यूपीआई (Bhim UPI) से रिचार्ज करने का विकल्प उपलब्ध कराया है।

आपको बता दे, दिसंबर 2019 में देश के नेशनल हाइवे पर टोल प्लाजा में फास्टैग से करीब 6 करोड़ 40 लाख ट्रांजेक्शन हुए हैं। इनमें 1256 करोड़ रुपए की आमदनी सरकार को हुई है। यह रोज के हिसाब से 42 करोड़ रुपए के करीब है। नवंबर में टोल प्लाजा पर फास्टैग से 3 करोड़ 40 लाख ट्रांजेक्शन हुए थे। नवंबर में इन ट्रांजेक्शन से करीब 774 करोड़ रुपए की आमदनी सरकार को हुई थी। यह आंकड़े नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की तरफ से जारी किए गए हैं। अक्टूबर 2019 में फास्टैग से 3 करोड़ 10 लाख ट्रांजेक्शन हुए थे, जिसमें सरकार को 703 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी। अगर 15 जनवरी तक भी वाहन पर फास्टैग नहीं लगाया जाता है तो टोल प्लाजा से गुजरने पर वाहन चालक को दोगुना टोल टैक्स देना पड़ेगा। 15 जनवरी के बाद बिना फास्टैग वाले वाहनों के लिए कोई भी लैन नहीं रहेगी। सभी लैन फास्टैग वालों के लिए रहेंगी।

कैसे काम करता है फास्टैग ?

बता दें कि फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की एक तकनीक है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है। इस टैग को गाड़ी के सामने वाले शीशे (विंडस्क्रीन) पर लगाया जाता है। आपकी गाड़ी जैसे ही टोल नाके के पास आती है, तो पर लगा सेंसर आपकी गाड़ी के शीशे पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है। इसके बाद आपके फास्टैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला टैक्स कट जाता है। इस तरह आप टोल प्लाजा पर रुके बिना ही टैक्स का भुगतान कर पाते हैं। वाहन में लगा यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना काम शुरू कर देगा। वहीं, जब आपके फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा।