Covid In Children : क्या तीसरी लहर की और इशारा कर रहे बच्चों में संक्रमण के ये आकड़े?

देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में कोरोना वायरस का अटैक ज्यादातर बच्चों पर होगा। ऐसे में दिल्ली और कर्नाटक में मिले संक्रमित बच्चे इस लहर की और इशारा तो नहीं कर रहे। दरअसल, दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में पिछली लहर के मुकाबले चार गुना अधिक संक्रमित बच्चे एडमिट हुए है वहीं, कर्नाटक में भी बीते दो महीनों में संक्रमित बच्चों की संख्या 143% बढ़ गई है। ये बच्चे 9 साल से कम उम्र के हैं।

देश की राजधानी दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल (Lok Nayak Jai Prakash Hospital) में 8 से 15 साल के बीच 29 कोविड प्रभावित बच्चों को भर्ती कराया गया है। पिछले साल इस दौरान केवल सात से 8 बच्चों को ही भर्ती कराया गया था। अब इस बात कर मंथन किया जा रहा है कि बच्चों में संक्रमण मरीजों की बढ़ी संख्या के कारण है या फिर आने वाली तीसरी लहर का असर बच्चों पर दिखने लगा है। लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल ने 15 बाल रोग विशेषज्ञों की एक टीम को इकट्ठा किया है और जो स्थिति का मूल्यांकन कर रहा है। 29 कोविड प्रभावित बच्चों में से कोई भी गंभीर नहीं हुआ और उनमें से लगभग 22 बच्चों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह संख्या भले ही पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक है लेकिन हम स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं और स्थिति की मांग के अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे।

दिल्ली सरकार ने भी अगली लहर की आशंका के मद्देनजर बेड, ऑक्सिजन और अन्य चिकित्सा सुविधाएं जुटाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला किया है। एलएनजेपी अस्तपाल ने भी अगली लहर के मद्देनजर बच्चों के लिए वेंटिलेटर बेड की संख्या 15 से बढ़ाकर 21 कर दी है। हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि वहां 15 शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है।

यह है कर्नाटक का हाल

कोरोना की दूसरी लहर का बच्चों पर ज्यादा असर की आशंका कर्नाटक के आंकड़े से भी गहरा रही है। वहां 18 मार्च से 18 मई के बीच 9 साल तक के 39,846 बच्चे जबकि 10 से 19 साल के 1,05,044 किशोर कोरोना संक्रमित मिले।

ध्यान रहे कि महामारी की शुरुआत से इस वर्ष के 18 मार्च तक कर्नाटक में 9 साल तक के कुल संक्रमित बच्चों की संख्या 27,841 जबकि 10 से 19 वर्ष के संक्रमित किशोरों की संख्या 65,551 थी।

इसी तरह, पहली लहर के मुकाबले संक्रमित बच्चों की संख्या 143% जबकि किशोरों की तादाद में 160% की वृद्धि हुई है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि कोरोना की दूसरी लहर कर्नाटक के बच्चों और किशोरों पर ज्यादा भारी पड़ रही है।

जहां तक कर्नाटक में कोरोना संक्रमित बच्चों और किशोरों की मौतों की है तो 18 मार्च, 2021 तक वहां कुल 28 कोरोना संक्रमित बच्चों जबकि 46 किशोरों ने दम तोड़ा था। 18 मार्च से 18 मई के बीच यह आंकड़ा क्रमशः 15 और 62 है।

बच्चों में टेस्टिंग बढ़ी

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस साल अधिक से अधिक बच्चों का कोरोना वायरस टेस्‍ट किया जा रहा है। इनमें पॉजिटिव मामले भी सामने आ रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि लगातार कांट्रेक्ट ट्रेस किया जा रहा है और उन सभी बच्चों का परीक्षण किया जा रहा है, जिनकी पहचान संपर्क के रूप में की गई है। इनमें छह साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं। बच्चों में कोविड के लक्षणों में दस्त, बुखार, वायरल निमोनिया और चिड़चिड़ापन शामिल हैं। कुछ को ऑक्सीजन में कमी का भी अनुभव होता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि पिछले साल छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों का आमतौर पर कोरोना टेस्‍ट नहीं किया गया था, क्योंकि उनमें आमतौर पर लक्षण विकसित नहीं हुए थे।
अधिकारी ने बताया कि हमने एक प्रवृत्ति देखी है कि अधिक बच्चे जो कोरोनो वायरस संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए हैं, उनमें लक्षण विकसित हो रहे हैं।

अधिकारी ने बताया कि हम अभी भी डेटा का अध्ययन कर रहे हैं और दो-तीन दिनों में हम और विवरण दे सकते हैं।