चलती ट्रेन में 4 लोगों को हत्या करने वाले कांस्टेबल की अदालत ने खारिज की जमानत याचिका

मुम्बई। महाराष्ट्र में इसी साल जुलाई में चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के बर्खास्त कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी को अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया। वकील अमित मिश्रा और पंकज घिल्डियाल के माध्यम से पिछले महीने दायर अपनी जमानत याचिका में, आरोपी ने कहा कि वह भूतिया दुनिया के प्रेत बाधा से पीड़ित है और कुछ अजीब हरकतें कर रहा है। गौरतलब है कि 31 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में चेतन सिंह ने तीन यात्रियों सहित अपने वरिष्ठ सहकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पुलिस ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके मन में एक विशेष समुदाय के प्रति क्रोध और द्वेष था और उसे अपने अपराध के लिए कोई पछतावा नहीं है।

मामले की जांच कर रही सरकारी रेलवे पुलिस (आरपीएफ) ने कहा था कि अगर उसे जमानत दी जाती है, तो इससे कानून के बारे में नकारात्मक छवि बन सकती है और कुछ धार्मिक समूहों के बीच भय, दहशत और असुरक्षा भी पैदा हो सकती है।



पीड़ित असगर शेख की पत्नी उमेसा खातून ने भी अपने वकील करीम पठान और फजलुर्रहमान शेख के माध्यम से चौधरी की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी एक आतंकवादी मानसिकता वाला व्यक्ति है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। यह घटना 31 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में हुई थी।

उसने अपने स्वचालित हथियार से बी5 कोच में आरपीएफ सहायक उप-निरीक्षक टीका राम मीना और एक अन्य यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने सुबह 5 बजे के बाद पेंट्री कार में एक अन्य यात्री और पेंट्री कार के बगल में एस 6 कोच में एक और यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।