जानें कितने तापमान पर स्टोर हो रहा हैं देश में कोरोना का टीका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा 'जो हमें छोड़कर चले गए, उन्हें वैसी विदाई भी नहीं मिल सकी, जिसके वे हकदार थे। मन उदास हो जाता है, लेकिन साथियों संकट के उस वातावरण में निराशा के वातावरण में कोई आशा का भी संचार कर रहा था। हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था।'

उन्होंने कहा, 'हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, आशा वर्कर्स, सफाई कर्मचारी उन्होंने अपने दायित्व को निभाया। अपने परिवार से दूर रहे। कई-कई दिन तक घर नहीं गए। सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं कि जो कभी घर वापस नहीं लौटकर नहीं आ पाए।'

आपको बता दे, देश में दो कोरोना वैक्सीन (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) के इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. इन कोरोना वैक्सीन की लाखों डोज़ को कहां और कैसे रखा जाएगा, इसको लेकर सबके मन में सवाल है। इसको लेकर सरकार की योजना क्या है। आपको बता दे, भारतीय टीकों को केवल 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप के अनुसार, सभी भारतीय टीकों को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करने के हिसाब से तैयार किया गया है। यहां तापमान को एक कारक के रूप में देखते हुए लॉजिस्टिक्स पर काम किया गया है।

आपको बता दे, अमेरिका की फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) या मॉडर्ना (Moderna) वैक्सीन के विपरीत जिन्हें माइनस 70 डिग्री सेल्सियस में स्टोर करने की आवश्यकता होती है, भारतीय टीकों को केवल 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है।

अब तक, सरकार ने 1.1 करोड़ 'कोविशिल्ड' और 55 लाख 'कोवाक्सिन' वैक्सीन क्रमशः 200 रुपये और 206 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर खरीदे हैं। केंद्र ने टीकाकरण अभियान के पहले दिन 2,934 सत्र स्थलों पर लगभग 3 लाख स्वास्थ्यकर्मचारियों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है। नियमित रूप से टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए निर्धारित दिनों को छोड़कर यह अभियान प्रतिदिन सुबह 9 से शाम 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा। फ्रंटरनर वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्टोर और ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है।

द लैंसेट में प्रकाशित लेट-स्टेज ट्रायल से अंतरिम डेटा के विश्लेषण में 'कोविशिल्ड' ने 70.4% की औसत प्रभावकारिता दिखाई है। कोवाक्सिन 'एक अत्यधिक शुद्ध और निष्क्रिय दो-खुराक SARS-CoV-2 वैक्सीन है, जिसे 300 मिलियन से अधिक खुराक के एक उत्कृष्ट सुरक्षा ट्रैक रिकॉर्ड के साथ 'वेरो सेल' विनिर्माण मंच में निर्मित किया गया है।