कानपुर / 20 घंटे घर के बाहर पड़ा रहा शव, कोरोना के डर से लोगों ने नहीं लगाया हाथ

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 605 नए केस मिले और 606 मरीज स्वस्थ्य भी हुए हैं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 18 हजार 395 हो गई है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोरोना वायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। जिले में सोमवार को एक अधेड़ व्यक्ति खांसते-खांसते जमीन पर गिर पड़ा और तड़प कर दम तोड़ दिया। कोरोना के खौफ के चलते लोगों ने अंतिम समय में पानी भी नहीं पिलाया। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी भी शव देखकर लौट गए। चचरे भाई ने सीएमओ को सूचना दी। उनका आरोप है कि सीएमओ ने एंबुलेंस और मेडिकल टीम भेजने से मनाकर फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। अधेड़ का शव 20 घंटे तक घर के बाहर पड़ा रहा।

खांसी और बुखार से थे पीड़ित

बिधनू थाना के पहाड़पुर गांव में रहने वाले ओमी द्विवेदी (50) की शादी नहीं हुई थी। अधेड़ अकेले ही जीवन-यापन कर रहा था। ओमी द्विवेदी बीते कई हफ्ते से खांसी और बुखार से पीड़ित थे। पड़ोसी समेत पूरा मोहल्ला उन्हें कोरोना संदिग्ध मानता था और लोग संक्रमण का खतरा होने की वजह से उनके पास जाने से डरते थे। सोमवार दोपहर ओमी घर के बाहर बैठे थे तभी उन्हें अचानक खांसी आ गई। खांसते हुए वह जमीन पर गिर पड़े और तड़प कर दम तोड़ दिया। पूरा मोहल्ला उन्हें तड़पते देखता रहा। किसी ने उनकी मदद नहीं की।

अधेड़ की मौत के बाद क्षेत्र में संक्रमण फैलने का डर सभी को सताने लगा। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को और 108 एंबुलेंस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस भी शव को दूर से देखकर वापस लौट गई। 108 एंबुलेंस ने भी कोरोना संदिग्ध वापस लौट गई। मंगलवार सुबह पहुंची पुलिस ने परिजन से शव को पॉलिथीन से पैक करवाया। इसके बाद एक लोडर में रखवाकर अंतिम संस्कार करने के लिए कहा है। बिधनू थानाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के मुताबिक, सोमवार को अधेड़ की मौत हुई थी। उनके परिजन को शक था कि ओमी कोरोना संदिग्ध है। इसलिए वे मौत के बाद कोरोना जांच कराना चाहते थे। इस संबंध में सीएमओ को लेटर लिखा गया था। सीएमओ ने कहा था कि मौत के बाद कोरोना टेस्ट कराने का प्रावधान नहीं है।

ओमी के चचरे भाई को जब मौत की खबर मिली तो मौके पर पहुंचे। उन्होंने सीएमओ को कोरोना संदिग्ध भाई के मौत की सूचना दी। सीएमओ ने एंबुलेंस और मेडिकल टीम भेजने से मना करते हुए फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। अधेड़ का शव सोमवार दोपहर से मंगलवार सुबह 10 बजे तक शव घर के बाहर ही पड़ा रहा। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से नाराज भाई ने मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही है।