बिहार में इलाज के बदले सिर्फ मिल रही दिलासा, 71 दिनों में 1816 मौतें

कोरोना की दूसरी लहर से बिहार में हाहाकार मचा है। राज्य में बीते 71 दिनों (1 मार्च 2021 से 10 मई तक) से कोरोना रोज 25 लोगों की जान ले रहा है। यानी 1816 लोगों की जान संक्रमण से गई है। दवा और ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ने वालों की तो गिनती ही नहीं है।

पटना हाईकोर्ट नीतीश सरकार को कुव्यवस्था पर फटकार लगा रही है तो सरकारी सिस्टम से लाचार जनता विधायकों और सांसदों को क्षेत्र में खोज रही है। बेतिया जिले में लौरिया व बगहा विधायक तो गया में सांसद और नगर विधायक के गुमशुदा होने का पोस्टर लोगों ने चस्पा कर दिया है। बेतिया में अब तक 125 तो गया में 140 लोगों की जान कोरोना से जा चुकी है।

कोरोना के कोहराम के बीच बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई। चारों तरफ से हमलों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बैठक कर राज्य के हालात का जायजा ले रहे हैं। साथ ही प्रेस के सामने आकर व्यवस्था पुख्ता करने का दावा कर रहे हैं। जबकि, हालात यह है कि आज भी लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।

एक मार्च 2021 से 10 मई तक राज्य में कोरोना संक्रमितों की रफ्तार में काफी तेजी दर्ज की गई। इस दौरान सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1816 लोगों की जान संक्रमण से गई है। वहीं, 3.39 लाख लोग पॉजिटिव हुए हैं। इस बीच राज्य के अलग-अलग हिस्सों से ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के साथ हॉस्पिटल संचालकों की मनमानी की खबरें भी जमकर सामने आई हैं।

कोरोना वैक्सीन की बर्बादी के मामले में टॉप राज्यों में बिहार का भी नाम

बिहार में प्रति एक सौ कोरोना टीके में पांच टीका उपयोग के दौरान बर्बाद हो रहा है। एक ओर कोरोना टीका को लेकर लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर टीके की बर्बादी भी हो रही है। राज्य में मंगलवार की सुबह तक 5.20% कोरोना टीका उपयोग के दौरान बर्बाद हो गया था। भारत सरकार प्रतिदिन कोरोना टीका के उपयोग और उसकी बर्बादी पर नजर रख रही है। जानकारी के अनुसार बिहार को अबतक केंद्र सरकार से कुल 87 लाख 65 हजार 820 टीका मिला है। जिसमें अबतक 82 लाख 39 हजार 424 टीके का उपयोग किया गया है। सूत्रों के अनुसार राज्य में अभी 5 लाख 26 हजार 396 कोरोना टीका उपलब्ध है।