तेज हो गई है कोरोना की दूसरी लहर, जरूरी हो तभी बाहर निकलें : एम्स निदेशक

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे है। इसे देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में एम्स के निदेशक डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि अभी दूसरी लहर ही है जो फिर से तेज हो गई है। उन्होंने इसके पीछे सावधानी बरतने में ढिलाई का भी उल्लेख किया और कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक से नहीं किया गया। मास्क लगाने में भी ढिलाई बरती गई। आजतक से बात करते हुए डॉक्टर गुलेरिया ने इसके लिए मौसम और प्रदूषण को भी जिम्मेदार बताते हुए कहा कि प्रदूषण के कारण वायरस ज्यादा देर तक हवा में रहता है। प्रदूषण और वायरस, दोनों ही फेफड़े को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ। यूरोप और अन्य देशों का उदाहरण देते हुए डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि मास्क जरूर लगाएं। जरूरी काम न हो तो बाहर न जाएं। डॉक्टर गुलेरिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हम सावधानी नहीं बरतेंगे तो और भी ज्यादा मामले सामने आएंगे।

एम्स के निदेशक ने कहा कि युवा वायरस को लेकर लापरवाह हैं। उन्हें लगता है कि माइल्ड इंफेक्शन होगा और हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है। इस धारणा को गलत बताते हुए डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि युवा वायरस को घर ले जा रहे हैं और बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं।

डॉक्टर गुलेरिया ने वैक्सीन आने की उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ नई दवाएं भी आएं, जो इस वायरस को अच्छे से कंट्रोल कर पाएं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने से कोरोना के मामले काफी कम होंगे। फ्लू शॉट को लेकर उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा और फ्लू की वैक्सीन लगवाने से कोरोना से बचाव हो सकेगा, यह गलत धारणा है। इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए ये वैक्सीन कारगर है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क जरूरी है।

प्रदूषण और कोरोना की दोहरी चुनौती को लेकर एम्स के निदेशक ने कहा कि जब तक बेहद जरूरी न हो, बाहर न जाएं। जाना जरूरी भी हो तो मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धूप निकलने के बाद जाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं। दिवाली के बाद तक मामले कम होते रहे तो कह सकेंगे कि पीक खत्म हो गया है। हमें आने वाले कुछ हफ्ते तक अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

दिवाली और छठ पूजा को लेकर डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि लोगों से वर्चुअली मिलें, त्योहार थोड़ा कम मनाएं। इस साल स्वास्थ्य जरूरी है। जो बचेगा वो अगले साल पूरा कर लेंगे। कोरोना से दोबारा संक्रमण के मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि माइल्ड इंफेक्शन वालों को फिर से इंफेक्शन हो सकता है। एक बार कोरोना होने के बाद फिर से भी संक्रमण हो सकता है।

एम्स निदेशक ने कहा कि इम्यूनिटी कम होने लगती है, तो फिर से संक्रमण का खतरा है। कुछ लोगों की इम्यूनिटी तीन से चार महीने बाद धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि किसे कितने समय तक प्रोटेक्शन रहेगा।

मरीजों का आंकड़ा 80 लाख के पार

आपको बता दे, देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 80 लाख 87 हजार 428 हो गया है। राहत की बात है कि इनमें 73 लाख 71 हजार 568 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 1 लाख 21 हजार 130 मरीजों की मौत हो चुकी है। इस बीच, 85 दिन यानी 3 महीने बाद एक्टिव केस (ऐसे मरीज जिनका अभी इलाज चल रहा है) फिर से घटकर 6 लाख से कम हो गए हैं। अब देश में 5 लाख 93 हजार 698 मरीजों का इलाज चल रहा है। ये या तो अस्पताल में भर्ती हैं या फिर होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करवा रहे हैं। इसके पहले 5 अगस्त को देश में 5 लाख 94 हजार एक्टिव केस थे। जहां एक तरफ ओवरऑल एक्टिव केस घट रहे हैं, वहीं चिंता की बात है कि 3 राज्यों में कोरोना के मामले एक बार फिर तेज होने लगे हैं। इसमें दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल प्रमुख रूप से हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो सितंबर के आखिरी हफ्ते से इन राज्यों में कोरोना के केस लगातार घट रहे थे, जो फिर बढ़ने लगे हैं। केरल में सितंबर आखिरी हफ्ते से 20 अक्टूबर तक 3-5 हजार लोग रोज संक्रमित मिल रहे थे, जो अब बढ़कर 7-9 हजार प्रति दिन हो गए हैं। इसी तरह दिल्ली में 2-4 हजार केस मिल रहे थे, जो अब 3-5 हजार हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में 3 से 3.05 हजार केस बढ़ रहे थे और अब 4 से 05 बढ़ने लगे हैं।