कोरोना संकट / महाराष्ट्र में प्लाज्मा थैरेपी लेने वाले पहले मरीज की हुई मौत

महाराष्ट्र में अब तक 10498 संक्रमित मामले सामने आ चुके है। यहां, गुरुवार को 583 नए मरीज मिले। इनमें से 25 केस मुंबई के हॉट स्पॉट धारावी में सामने आए। धारावी में अब संक्रमितों की संख्या 369 हो गई है। वहीं, पूरे देश में जिस प्लाज्मा थैरेपी की मदद से कोरोना मरीजों को ठीक करने की कवायद चल रही है उससे लीलावती अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। दरअसल, 25 अप्रैल को मरीज को प्लाज्मा थैरेपी दी गई थी। महाराष्ट्र में कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी का ये पहला मामला था। मरीज की उम्र 53 साल थी। डॉक्टरों ने बताया प्लाज्मा थैरेपी से मरीज की हालत में थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन 29 अप्रैल को मौत हो गई। उसे न्यूमोनिया भी हो गया था।

कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज 20 अप्रैल को गंभीर हालत में लीलावती अस्पताल में भर्ती हुआ था। इससे पहले 10 दिन से उसे बुखार, गले में दर्द और कफ था। एक्स-रे में मरीज के फेंफड़ों में सफेद धब्बे दिखे। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर भी कम हो गया था। लीलावती अस्पताल के सीईओ डॉ रविशंकर के मुताबिक, मरीज को कृत्रिम सांस और एंटी-वायरल दवाएं भी दी गईं, लेकिन असर नहीं हुआ। प्लाज्मा थैरेपी के बाद थोड़ा सुधार दिखा इसलिए कोई और डोज नहीं दिया गया।

मुंबई में बीएमसी प्लाज्मा थैरेपी पर अध्ययन कर रही है। यह स्टडी संक्रामक बीमारियों के एक्सपर्ट डॉ ओम श्रीवास्तव और कस्तूरबा लैब की मदद से की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने 28 अप्रैल को कहा था कि कोरोना के लिए प्लाज्मा थैरेपी कोई अप्रूव्ड इलाज नहीं है, सिर्फ ट्रायल बेस्ड है। सही तरीके से थैरेपी नहीं होने पर विपरीत असर भी हो सकता है।