सख्त हुई सरकार / डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा अब नहीं होगी बर्दाश्त, मिलेगी 7 साल तक की सजा

देशभर में जारी कोरोना संक्रमण के बीच ऐसी कई घटनाएं सामने आईं हैं, जिसमें लोग घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हो रही हिंसा को लेकर आज बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इसके लिए 123 साल पुराने महामारी कानून में बड़ा बदलाव कर हिंसा के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बारे में बताते हुए कहा है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून में बदल जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आरोग्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी। प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा। ये संज्ञान लेने और गैर जमानती होगा। 30 दिन में कार्रवाई होगी एक साल में फैसला आएगा।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1 लाख से 5 लाख रुपए है।

स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला हुआ तो कानून इस तरह काम करेगा


- आरोग्यकर्मियों पर हमला और गैर-जमानती अपराध माना जाएगा
- जांच अधिकारी को 30 दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी
- ऐसे अपराध में 3 महीने से 5 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है
- गंभीर चोट आने की स्थिति में 6 महीने से 7 साल तक की सजा और एक लाख से 5 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है
- अगर आरोग्यकर्मियों की गाड़ी और क्लीनिक का नुकसान होता है तो उसकी मार्केट वैल्यू का दोगुना हमला करने वालों से वसूला जाएगा

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