कोरोना वायरस का नया हॉटस्पॉट बना सिंगापुर, 14000 से ज्यादा संक्रमित मामले

कुछ दिनों पहले कहा जा रहा था कि 50 लाख की आबादी वाले सिंगापुर ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोक लिया है। लेकिन अब हालात कुछ और होते दिख रहे हैं। चीन और भारत के बाद एशिया में सबसे ज़्यादा मामले अब सिंगापुर में है जबकि भारत और चीन दोनों की आबादी सिंगापुर से कई गुणा ज़्यादा है। इन दोनों ही देशों की आबादी एक अरब से ऊपर है। सिंगापुर की सरकार ने कहा है कि वो हर रोज हज़ारों लोगों की टेस्टिंग कर रहे हैं। सिंगापुर में 14000 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले है और 12 लोगों की मौत हो चुकी है।

सिंगापुर की सरकार का कहना है कि यहां प्रवासी मज़दूरों के बीच कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे पहले शुरू हुआ था सिंगापुर में कंस्ट्रक्शन के काम में लगे हुए मज़दूर ज़्यादातर दक्षिण एशिया देशों से आते हैं। वर्किंग परमिट पर काम करने वाले ये मज़दूर आम तौर पर तंग कमरों में रहते हैं जहाँ वायरस का संक्रमण आसानी से फैलने की गुंजाइश होती है। इसलिए सबसे ज्यादा टेस्टिंग इन्ही लोगों की करी जा रही है।

रविवार को सिंगापुर में 931 नए मामले सामने आए हैं। इसमें से ज़्यादातर बाहर से आए कामगार हैं। यहां के स्थायी निवासियों और नागरिकों में नए मामलों की संख्या सिर्फ़ 15 हैं। टेस्टिंग की रफ़्तार बढ़ने के साथ ही यह बहुत हद तक संभव है कि प्रवासी मजदूरों के बीच से और मामले सामने आएंगे।

टेस्टिंग की दर बढ़ाने के लिए तैयार

प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा है कि अपनी टेस्ट किट विकसित करने और बनाने के साथ ही वो बाहर से भी मंगा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री जान किम योंग ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा है कि हमने टेस्टिंग के विकल्प खुले रखने के मक़सद से यह फ़ैसला किया था। वो कहते हैं, ;हम सभी तरह के टेस्टिंग मॉडल, अलग-अलग तरह के किट और अलग-अलग तरह के टेस्टिंग को आजमाने में सक्षम होना चाहते हैं।; उन्होंने आगे कहा कि बाहर के देशों से टेस्टिंग कीट मंगाने का मक़सद सिंगापुर की टेस्ट करने की क्षमता को बढ़ाना था।